नियमों को तोड़कर एआईएफ में एक लाख करोड़ रुपये का किया गया निवेश
मुंबई। अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड यानी एआईएफ में पिछले कुछ समय में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश नियमों को तोड़कर किया गया है।सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने कहा, कुल 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का यह करीब 20 फीसदी हिस्सा है। इतने बड़े पैमाने पर नियमों को दरकिनार कर निवेश की जानकारी तो हमें भी नहीं थी।
सीआईआई के एक कार्यक्रम में नारायण जी ने मंगलवार को कहा, एआईएफ द्वारा किए गए सभी निवेशों का लगभग पांचवां हिस्सा गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के वर्गीकरण जैसे मौजूदा वित्तीय नियमों को दरकिनार करने के लिए तैयार किया गया है। जनवरी में जारी परामर्श पत्र में सेबी ने 30,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का अनुमान लगाया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसी चिंताओं के कारण बैंकों के एआईएफ निवेशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे दांवों पर अधिक प्रावधान करने की मांग की थी।
नारायण ने कहा, उद्योग हल्के-फुल्के नियमों के लिए दबाव डाल रहा है। एआईएफ में निवेश के दौरान आरबीआई के एनपीए मानकों, दिवाला कानून, दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान से संबंधित नियमों और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत आने वाले मानकों को भी दरकिनार करने की कोशिश की गई है। सेबी इस पर काबू पाने के उपाय कर रहा है, जिसमें उद्योग पर आचार संहिता लागू करना शामिल है।
नारायण जी ने कहा, पिछले साल तय आचार संहिता अच्छी तरह काम कर रही है। धोखाधड़ी के डर से पहले लगाए गए कुछ नियामक प्रतिबंधों में अब ढील दी जा सकती है। जब तक हमें जांच और संतुलन के बारे में सुविधा मिलती है, यह सुनिश्चित किया जाता है कि इसका दुरुपयोग न हो। अगर ऐसा होता है तो इसे और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, सेबी को पता है कि एआईएफ सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है और नियमों के जरिये इसे खत्म करने का उसका इरादा नहीं है। लेकिन वह यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि यह टिकाऊ हो। हम लालची नहीं हो सकते हैं और क्षमता से अधिक अंडे पैदा करने की कोशिश नहीं कर सकते हैं। हम सोने के अंडे देने वाली इस मुर्गी को मारना नहीं चाहते हैं।
नारायण ने कहा, सेबी निवेशक मानदंडों को कमजोर करने के लिए उद्योग की मांगों को स्वीकार नहीं कर सकता है। मानदंड को बनाए रखना नियामक का मूल उद्देश्य है।
पैसिव रूप से प्रबंधित योजनाओं के लिए म्यूचुअल फंड लाइट ढांचे के साथ उच्च जोखिम वाले निवेशकों के लिए सेबी ने नया एसेट क्लास विशेष निवेश फंड शुरू करने के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। किसी विशेष फंड हाउस में नए उत्पाद की सभी निवेश रणनीतियों में मान्यता प्राप्त निवेशकों को छोड़कर प्रति निवेशक न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड लाइट एसेट मैनेजमेंट कंपनी के पास परिसंपत्तियों में निवेश के लिए कम से कम 35 करोड़ रुपये का नेटवर्थ होना जरूरी है। लगातार पांच साल तक मुनाफा में रहने पर इसे घटाकर 25 करोड़ रुपये किया जा सकता है।