बाजार में महिला निवेशकों की संख्या बढ़कर 23.9 फीसदी, दिल्ली में 30 फीसदी महिलाएं

मुंबई- महिलाएं अब परंपरागत निवेशक जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट और सोने में निवेश करने के बजाय शेयर बाजार में पैसे लगा रही हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में कुल निवेशकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 22.6 फीसदी थी। इस साल अक्तूबर तक यह बढ़कर 23.9 फीसदी पर पहुंच गई है।

आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कुल निवेशकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 29.8 फीसदी है। महाराष्ट्र में यह 27.7 फीसदी और तमिलनाडु में 27.5 फीसदी है। इन राज्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। बिहार के कुल निवेशकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 15.4 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 18.2 फीसदी और ओडिशा में 19.4 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत 20 फीसदी से कम है।

महिलाएं अक्सर अपनी बचत को आईपीओ में निवेश करती हैं और लंबे समय की रणनीति अपनाती हैं। गुजरात में महिलाएं अपनी वित्तीय रणनीतियों को नया आकार दे रही हैं। बेहतर रिटर्न की संभावना से प्रभावित होकर कामकाजी महिलाएं तेजी से इक्विटी की ओर आकर्षित हो रही हैं। गुजरात के इक्विटी बाजार की तेजी का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।

एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में महिला निवेशकों की संख्या 25 लाख से ज्यादा हो गई है। कुल निवेशकों में इनकी संख्या 27.4% है। वित्त वर्ष 2022 के बाद से महिला निवेशकों की संख्या में 59% की वृद्धि हुई है, जो इक्विटी बाजारों में उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2022 के अंत में गुजरात में 59.06 लाख निवेशक थे। इनमें 16.18 लाख महिलाएं थीं। इस साल अक्तूबर तक कुल निवेशक 93.65 लाख हो गए। महिलाओं की संख्या 25.66 लाख हो गई।

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