गजब-कुछ महीने में ही इस शेयर ने 10,000 रुपये को बना दिया 67 करोड़ रुपये

मुंबई। Elcid Investments में निवेशकों को जमकर फायदा मिला है। एलसीडी इन्वेस्टमेंट्स ने अपने शेयर की कीमत में जबरदस्त उछाल के बाद सुर्खियां बटोर रहा है, जिसने 10,000 रुपये के निवेश को कुछ ही महीनों में 67 करोड़ रुपये में बदल दिया।

एल्सिड के शेयर की कीमत में 29 अक्टूबर को 3.53 रुपये से 66,92,535% की जबरदस्त उछाल देखी गई। प्राइस में इस उछाल ने एल्सिड को भारत के सबसे महंगे शेयर के रूप में स्थापित कर दिया है, जिसने कीमत के आधार पर एमआरएफ को पीछे छोड़ दिया है। एमआरएफ के शेयर मंगलवार को 1,22,576 रुपये प्रति शेयर पर रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।

एल्सिड की यह अविश्वसनीय कीमत बढ़ोतरी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर एक विशेष कॉल नीलामी सत्र के बाद हुई, जिसका उद्देश्य होल्डिंग कंपनियों की कीमतों की तलाश करना था, जहां एल्सिड के शेयरों का मूल्य 2.25 लाख रुपये रहा। यह कीमत अभी भी कंपनी के 5,85,225 रुपये के प्रभावशाली बुक वैल्यू से काफी कम है।

एल्सिड इन्वेस्टमेंट अपने शेयरधारकों को हाई डिविडेंड यील्ड के साथ रिवॉर्ड करने में उदार रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 25 रुपये का लाभांश घोषित किया, जो कि 708% से अधिक के इंडस्ट्री-बेस्ट डिविडेंड यील्ड में तब्दील हो गया। डिविडेंड यील्ड की कैल्कुलेशन शेयर की कीमत से प्रति शेयर वार्षिक डिविडेंड को विभाजित करके की जाती है।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए डिविडेंड भी 25 रुपये रहा, जबकि पिछले तीन वित्त वर्षों में यह 15 रुपये प्रति शेयर था। वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 22 की अवधि में डिविडेंड प्राप्ति 425% रही। होल्डिंग कंपनियों में वैल्यू सर्च के लिए एक विशेष कॉल बिड सेशन के बाद शेयर की कीमत में उछाल के साथ डिविडेंड यील्ड में काफी गिरावट आने की उम्मीद है। पहले, यील्ड असामान्य रूप से अधिक थी क्योंकि स्टॉक अपने बुक वैल्यू से काफी नीचे कारोबार कर रहा था।

एल्सिड स्मॉलकैप स्टॉक ने अपनी रिकॉर्ड रैली के साथ दलाल स्ट्रीट पर इतिहास बनाया और यह अब भारत का सबसे महंगा स्टॉक है क्योंकि इसने एमआरएफ के 1.2 लाख रुपये के शेयर प्राइस को पार कर लिया है। मंगलवार को बंद होने के आधार पर एमआरएफ का बाजार पूंजीकरण 51,889 करोड़ रुपये था, बीएसई-लिस्टेड एल्सिड का एमकैप 4,725 करोड़ रुपये था।

इससे पहले एमआरएफ भारत का एकमात्र स्टॉक था जिसका प्रति शेयर मूल्य एक लाख रुपये से अधिक था। मौजूदा बाजार प्राइस और होल्डिंग कंपनियों के बुक वैल्यू के बीच के अंतर को पाटने के लिए कई लिस्टेड इन्वेस्टमेंट और होल्डिंग कंपनियां अपने बुक वैल्यू की तुलना में काफी कम कीमतों पर कारोबार करती थीं और एल्सिड के शेयरों में भी सीमित ट्रेडिंग वॉल्यूम देखा गया था। स्पेशल बिड सेशन ने स्टॉक में वैल्यूएशन की खोज की, जिसके परिणामस्वरूप 67 लाख प्रतिशत का एक दिन का लाभ हुआ।

एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स के पास एशियन पेंट्स में 1.28% हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 3,616 करोड़ रुपये है, जो एल्सिड के कुल बाजार पूंजीकरण का 80% है। सैमको के अनुसार, 2.3 लाख रुपये प्रति शेयर पर भी एल्सिड सिर्फ 0.38 के प्राइस-टू-बुक मल्टीपल पर कारोबार करता है।

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