रवींद्रन बोले, अब शून्य हो गया बायजू का मूल्य, दुबई से वापस लौटूंगा भारत

मुंबई- एजुटेक बायजू ने अब मान लिया है कि उसका मूल्यांकन शून्य हो गया है। कंपनी के मालिक रवींद्रन बायजू ने कहा, उस समय के सबसे मूल्यवान भारतीय स्टार्टअप में निवेशकों ने अपने निवेश को अब बट्टे खाते में डाल दिया है। इनमें प्रोसस, पी एक्सवी पार्टनर्स सहित अन्य निवेशक हैं। इन सभी ने 2023 में बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। यह उस समय कंपनी के लिए सबसे बड़ा झटका था।

बायजू ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जब अमेरिकी ऋणदाताओं ने बायजू को डिफॉल्ट बताकर डेलावेयर अदालत में दायर किया तो दो सप्ताह के भीतर ही सभी तीन निदेशकों ने इस्तीफा दे दिया। सभी के एक साथ इस्तीफा देने से हमारे लिए और अधिक धन जुटाना असंभव हो गया है। अगर पुनर्गठन के लिए मतदान की योजना बनाई गई होती, तो कंपनी उस स्थिति में नहीं होती, जो आज है।

उन्होंने कहा, उनमें से कुछ (बोर्ड सदस्य) इस तरह की फाइलिंग के साथ आने वाली देनदारियों के बारे में चिंतित हो गए। निवेशकों का ध्यान हमेशा वित्तीय परिणामों पर केंद्रित होता है और उन्होंने संकट का संकेत भांपते ही बायजू को ‘बस के नीचे फेंक दिया’। यानी वे हमें संकट में छोड़ कर चले गए।

रवीन्द्रन ने कहा कि अमेरिकी ऋणदाताओं से प्राप्त 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन का उपयोग कई छोटे वैश्विक अधिग्रहणों सहित अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए किया गया था। मुझे लगा कि जब हमने टर्म लोन बी (टीएलबी) लिया तो यह दुनिया का सबसे अच्छा निर्णय था। यह सबसे आसान लोन था, लेकिन बाद में यह सबसे महंगा हो गया।

दुबई में रहने वाले रवींद्रन ने कहा, उनकी योजना भारत वापस आने और कंपनी को फिर से खड़े करने की है। लेकिन ऑनलाइन मुकदमे चलने तक उनके हाथ भारत के संचालन पर बंधे हुए हैं। वे कहते हैं कि सारी दिक्कतें तब हुईं, जब हम अधिग्रहण के आधे रास्ते तक पहुंच चुके थे। इसका प्रमुख कारण तरलता की कमी थी।

बायजू ने कहा, मैं कई बार किनारे पर रहा हूं। मेरे लिए यह एक मिशन है। व्यवसाय नहीं। मैं वापसी करूंगा और कोई भी मुझे अपना मिशन पूरा करने से नहीं रोक सकता। जो निवेशक भाग गए थे, वे बायजू के दिवालियापन की कार्यवाही में होने के बावजूद कंपनी में निवेश कर रहे हैं। कंपनी में कोई धोखाधड़ी नहीं है।

उन्होंने कहा, हमने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है। हमने कभी भी पैसे की हेराफेरी नहीं की। कोई धोखाधड़ी नहीं है। अगर कोई धोखाधड़ी होती, तो संस्थापक पैसा निकाल लेते, लेकिन हमने अपना पैसा वापस कंपनी में निवेश कर दिया है।

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