2023 में तिरुपति मंदिर को मिला 1031 किलो सोना, इस समय 11,329 किलो है
मुंबई- आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर इन दिनों अपने लड्डू प्रसाद को लेकर चर्चा में है। राज्य की चंद्र बाबू नायडू सरकार ने जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली पिछली सरकार के दौरान मंदिर के प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया है। तिरुपति बालाजी मंदिर को दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है।
सोने की कीमत में रेकॉर्ड तेजी के बावजूद भक्तों ने पिछले साल इस मंदिर को जमकर दान दिया। साल 2023 में इस मंदिर को 1,031 किलो सोने का चढ़ावा मिला जिसकी कीमत करीब 773 करोड़ रुपये है। तिरुपति ट्रस्ट के पास कुल 11,329 किलो सोना है जिसकी कीमत करीब 8,496 करोड़ रुपये है। आइए जानते हैं कि इस मंदिर से सरकार को क्या फायदा होता है।
तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत विभिन्न बैंकों में गोल्ड जमा कर रखा है। तिरुपति के भक्त चढ़ावे के रूप में कैश और गोल्ड देना पसंद करते हैं। मंदिर से जुड़े विभिन्न ट्रस्टों ने बैंकों में 13,287 करोड़ रुपये एफडी के रूप में जमा किए हैं जिस पर सालाना 1,600 करोड़ रुपये का ब्याज मिलता है।
अप्रैल, 2024 तक तिरुपति ट्रस्ट के पास रेकॉर्ड 18,817 करोड़ रुपये का कैश बैलेंस है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने इस साल 1,161 करोड़ रुपये की एफडी कराई है जो पिछले 12 साल में सबसे ज्यादा है। 12 साल में केवल तीन बार ही ट्रस्ट के द्वारा कराई गई एफडी की रकम 500 करोड़ रुपये से कम रही। साल 2021 और 2022 में कोरोना महामारी के कारण मंदिर की कमाई प्रभावित हुई थी।
ट्रस्ट ने 2024-25 के लिए 5,141.74 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। यह पहला मौका है जब ट्रस्ट का बजट 5,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। ट्रस्ट को प्रसादम की बिक्री से 600 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है। इसी तरह दर्शन टिकट से 338 करोड़ रुपये, कर्मचारियों को दिए गए लोन और एडवांसेज से 246.39 करोड़ रुपये की उम्मीद है।
ट्रस्ट को 129 करोड़ रुपये अन्य पूंजी प्राप्तियों से, 150 करोड़ रुपये अर्जित सेवा टिकट से, 151.5 करोड़ रुपये कल्याणकत्ता रिसीट से और 147 करोड़ रुपये कल्याण मंडपम रिसीट से मिलने का अनुमान है। साथ ही ट्रस्ट रिसीट से 85 करोड़ रुपये, रेंट, इलेक्ट्रिक और अन्य रिसीट के रूप में 60 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसी तरह टोल फी कलेक्शन के रूप में 74.5 करोड़ रुपये और 35.25 करोड़ रुपये पब्लिकेशन रिसीट के रूप में मिलने का अनुमान है। इसी तरह चढ़ावे के रूप में 1,611 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है।