दुनिया के प्रमुख बाजारों की तुलना में निफ्टी का सर्वाधिक 25 फीसदी रिटर्न

मुंबई- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (निफ्टी) ने एक साल में दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों की तुलना में सर्वाधिक 25 फीसदी रिटर्न दिया है। दूसरे स्थान पर 22 फीसदी के साथ अमेरिका का एसएंडपी 500 है। मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी भारत के शेयर बाजारों में योगदान दे रही है।

आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका के डाऊजोंस और नैस्डैक कंपोजिट ने एक साल में 18 फीसदी और 21 फीसदी रिटर्न दिया है। जर्मनी के डैक्स, चीन के शंघाई कंपोजिट, जापान के निक्केई 225 और ब्रिटेन के एफटीएसई 100 ने इसी अवधि में 17 से 10 फीसदी के बीच फायदा दिया है। दक्षिण कोरिया के कोस्पी ने एक फीसदी और हांगकांग के हैंगसेंग ने पांच फीसदी का घाटा दिया है।

पिछले दो वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय बाजार वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर बना हुआ है। फेड दर में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका व ब्रिटेन में मंदी, इस्राइल-ईरान युद्ध और अन्य आर्थिक तनावों के बावजूद भारतीय बाजार ने दुनिया के बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया है।

पांच वर्षों में भारत के कॉरपोरेट का लाभ 4 लाख करोड़ से बढ़कर 16 लाख करोड़ हो गया है। जब भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, कॉरपोरेट लाभ के साथ इक्विटी पर रिटर्न कमा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में बाजार भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था नकारात्मक वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करने के लिए परिपक्व हो रही हैं।

घरेलू खुदरा निवेशकों का दबदबा महीने-दर-महीने बढ़ रहा है। 10 सितंबर तक बीएसई पर पंजीकृत निवेशक 19 करोड़ थे। एक महीने में 2.4 फीसदी और एक साल में 33 फीसदी की बढ़त हुई है।

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