नौकरियों पर फिर खतरा, अगस्त में 40 आईटी कंपनियों ने 27,000 को निकाला
मुंबई- मंदी की आशंका और लागत घटाने के लिए अगस्त में 40 सूचना एवं प्रौद्योगिकी यानी आईटी कंपनियों ने 27,000 से ज्यादा की छंटनी कर दी है।इसमें आईबीएम, सिस्को जैसी बड़ी कंपनियों के साथ छोटे स्टार्टअप भी शामिल हैं। इस साल में अब तक कुल 422 कंपनियों ने 1.36 लाख लोगों को निकाल दिया है।
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में सबसे ज्यादा 15,000 की छंटनी इंटेल ने की है। अपने इतिहास में वह सबसे बड़ी चुनौती से जूझ रही है। यह छंटनी 2025 के लिए 10 अरब डॉलर की खर्च कटौती योजना का हिस्सा है। 2020 और 2023 के बीच कंपनी के वार्षिक राजस्व में 24 अरब डॉलर की गिरावट आई है। इस दौरान कर्मचारियों की संख्या 10 फीसदी बढ़ गई थी।
सिस्को सिस्टम ने भी 6,000 या कुल कर्मचारियों के सात फीसदी की छंटनी की घोषणा की है। इस साल में कंपनी की यह दूसरी बड़ी छंटनी है। कंपनी अपना ध्यान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा पर कर रही है। कंपनी टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के लिए पुनर्गठन कर रही है। एआई स्टार्टअप्स में एक अरब डॉलर का निवेश करेगी।
आईबीएम ने कहा है कि वह चीन के रिसर्च एवं डेवलपमेंट विभाग से 1,000 को निकालेगी। चीनी मीडिया ने कहा, आईटी हार्डवेयर की मांग में गिरावट और चीनी बाजार के भीतर विस्तार में कठिनाइयों से कंपनी ने यह फैसला लिया है।
जर्मनी की चिप निर्माता इंफीनियॉन ने कहा है कि वह 1,400 की छंटनी करेगी। 1,400 को उन देशों में भेजेगी, जहां लागत कम है। गो प्रो 140 को निकालेगी। एपल ने भी 100 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। डेल टेक्नोलॉजी के बारे में अफवाह है कि उसने 12,500 को निकाल दिया है। उधर, रेशामंडी ने सभी कर्मचारियों को निकाल दिया है। इसकी वेबसाइट भी डाउन है। शेयरचैट ने भी 30-40 लोगों की छंटनी कर दी है।
इनडीड के आंकड़ों के अनुसार, महानगरों के अलावा दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में मांग बढ़ने के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल मौसमी नियुक्तियों में 20 फीसदी की वृद्धि होगी। मुंबई, बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों में पिछले वर्ष की तुलना में 18-20 फीसदी की वृद्धि हुई है। नागपुर, जयपुर, बड़ौदा, कोच्चि, विशाखापट्टनम, मदुरै, लखनऊ, गुरुग्राम, चंडीगढ़, इंदौर, कोयंबतूर, सूरत, भुवनेश्वर और भोपाल जैसे दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में भर्तियों में 25 फीसदी तक उछाल आया है।
कंपनियां अपनी बाजार पहुंच का विस्तार करना चाहती हैं। नए ग्राहकों तक पहुंचना चाहती हैं। इसलिए वे तेजी से दूसरे और तीसरे शहरों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इन शहरों की आर्थिक स्थिति में सुधार और बढ़ती खर्च आय के कारण उपभोक्ता खर्च बढ़ रहा है। डिलीवरी क्षेत्र की नौकरियों में 30 फीसदी का उछाल है। गोदाम श्रमिकों की मांग 25 फीसदी बढ़ी है। इन-स्टोर बिक्री और ग्राहक सेवा अधिकारियों में 15 फीसदी की वृद्धि।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो ने कहा, उसने त्योहारी सीजन से पहले अपने विक्रेता और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के भीतर 8.5 लाख मौसमी नौकरियों को सक्षम किया है। पिछले साल की तुलना में यह 70 फीसदी अधिक है। कंपनी ने कहा, उसके विक्रेताओं ने त्योहारी सीजन के लिए पांच लाख मौसमी कर्मचारियों को काम पर रखा है। इसके अतिरिक्त, मीशो ने अपने लॉजिस्टिक वर्टिकल वाल्मो के साथ-साथ डेल्हीवरी, ईकॉम एक्सप्रेस और एक्सप्रेसबीज सहित तीसरे पक्ष के जरिये लगभग 3.5 लाख को काम पर रखा है।