अवैध फिनफ्लूएंसर के साथ सेबी में पंजीकृत लोगों का नहीं होगा कोई लेनदेन
मुंबई- बाजार नियामक सेबी ने उसके साथ गैर-पंजीकृत फाइनेंशियल इनफ्लूएंसर को लेकर नियम कड़े कर दिए हैं। अब सेबी के किसी भी पंजीकृत व्यक्ति का इस तरह के अवैध फिनफ्लूएंसर के साथ कोई लेनदेन नहीं होगा। सेबी बोर्ड ने पिछले महीने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
सेबी ने शुक्रवार को जारी तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा, सेबी द्वारा विनियमित व्यक्ति और ऐसे व्यक्तियों के एजेंट का ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संपर्क नहीं होगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह देता है या रिटर्न का स्पष्ट दावा करता है। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि म्यूचुअल फंड कंपनियां, रिसर्च एनालिस्ट, पंजीकृत निवेश सलाहकार और स्टॉक ब्रोकर फिनफ्लूएंसर के साथ साझेदारी न करें।
यह दिशानिर्देश अनियमित फिनफ्लूएंसर से जुड़े संभावित जोखिमों पर बढ़ती चिंता के बीच आया है जो भ्रामक सलाह दे सकते हैं। ऐसे लोग आमतौर पर कमीशन आधारित मॉडल पर काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में फिनफ्लूएंसर ने अपने फॉलोअस के वित्तीय निर्णयों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
सेबी ने 46 ब्रोकरों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इनमें 7 कमोडिटी और 39 स्टॉक ब्रोकर हैं। यह सभी पंजीकरण की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहे हैं। इसके अलावा 22 डिपॉजिटरी भागीदारों के भी पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं। प्रमुख स्टॉक ब्रोकरों में रिफ्लेक्शन इन्वेस्टमेंट, विनीत सिक्योरिटीज, क्वांटम ग्लोबल सिक्योरिटीज, वेलइंडिया सिक्योरिटीज, अंबर सोल्यूशंस, आर्केडिया शेयर एवं स्टॉक ब्रोकर्स और सीएम गोयनका सहित अन्य ब्रोकर हैं।