आईपीओ के बाद एसएमई कंपनियां दे रहीं गलत जानकारी, सोच समझ कर करें निवेश
मुंबई- एसएमई आईपीओ में आ रही पैसों की बाढ़ के बीच सेबी ने निवेशकों से कहा है कि वे इस तरह के इश्यू में निवेश करते समय सावधानी बरतें। साथ ही, असत्यापित सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा न करें। सुझावों/अफवाहों के आधार पर निवेश न करें। एसएमई प्लेटफॉर्म पर कई कंपनियां सूचीबद्ध होने के बाद गलत जानकारी दे रही हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को कहा, सूचीबद्धता के बाद छोटी एवं मझोली कंपनियां (एसएमई) और या उनके प्रमोटर गलत जानकारी की सार्वजनिक घोषणाएं कर रहे हैं। इनमें बोनस इश्यू, स्टॉक विभाजन, तरजीही आवंटन आदि शामिल होते हैं। इसे देखते हुए निवेशक इनमें भारी पैसा लगा रहे हैं। जिससे पैसा डूबने का खतरा है।
उपरोक्त कार्रवाइयां निवेशकों को ऐसे शेयरों मे निवेश के लिए प्रेरित करती हैं। साथ ही, यह प्रवर्तकों को ऊंची कीमतों पर ऐसी कंपनियों में हिस्सा बेचने का अवसर भी होता है। सेबी ने पिछले चार माह में ऐसी पांच कंपनियों पर बाजार में प्रतिबंध लगा दिया है। इन सभी की कार्यप्रणाली एक जैसी ही होती है जिससे निवेशकों को घाटा होता है।
छोटी कंपनियों में आवेदन तो कई गुना मिल रहे हैं, साथ ही भारी फायदा भी हो रहा है। उदाहरण के तौर पर 12 करोड़ जुटाने उतरी रिसोर्सफुल को इसी हफ्ते 4,800 करोड़ रुपये के लिए आवेदन मिला है। इसके पास केवल 8 कर्मचारी हैं। 5 करोड़ जुटाने उतरी होक फूड्स को 1,963 गुना रिस्पांस मिला है। 6.6 करोड़ रुपये के मजेंटा लाइफकेयर को 1,000 गुुना सब्सक्रिप्शन मिला है।
2012 में एसएमई प्लेटफॉर्म लॉन्च होने के बाद से अब तक इस पर कंपनियों ने 14,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस साल 152 आईपीओ आए हैं। इनका औसत साइज 33 करोड़ रुपये का रहा है। औसत सब्सक्रिप्शन 200 गुना रहा है। इसमें से 18 कंपनियों को 400 गुना से ज्यादा रिस्पांस मिला है।