हाईकोर्ट ने लगाया सेबी, बीएसई और एनएसई पर 80 लाख रुपये का जुर्माना

मुंबई- बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेबी (SEBI), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि उन्होंने मुंबई के निवासी और उनके विदेश में रहने वाले बेटे के डीमैट खातों को गलती से प्रमोटर मानकर गलत तरीके से फ्रीज कर दिया था।

यह मामला खास है क्योंकि कोर्ट या ट्रिब्यूनल द्वारा रेगुलेटर पर जुर्माना लगाने के मामले बहुत ही कम होते हैं। सेबी ने 2017 में श्रेणुज एंड कंपनी के खिलाफ नियमों के उल्लंघन के आरोप में आदेश जारी किया था, जिसके बाद प्रदीप मेहता और उनके बेटे नील मेहता के डिमैट खाते फ्रीज कर दिए गए थे।

प्रदीप मेहता और नील मेहता ने इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत में बताया कि वे कंपनी के संचालन में कभी भी शामिल नहीं थे और न ही प्रबंधन में उनकी कोई भूमिका रही है, यहां तक कि सलाहकार के तौर पर भी वे कंपनी में शामिल नहीं रहे। इस मामले में, नील मेहता के ससुर श्रेणुज एंड कंपनी के मुख्य प्रमोटर थे।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता किसी भी प्रकार से श्रेणुज से जुड़े नहीं थे, न ही प्रमोटर के रूप में और न ही किसी अन्य क्षमता में। इसलिए, उन्हें श्रेणुज के किसी भी दोष के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, और उनके डिमैट खाते फ्रीज करने का कोई औचित्य नहीं था।

अदालत ने सेबी के आदेश को अवैध और असंवैधानिक घोषित करते हुए मेहता और उनके बेटे को उनके डिमैट खातों में रखे सभी शेयरों का लेन-देन करने की अनुमति दे दी। अदालत ने सेबी और एक्सचेंजों, एनएसई और बीएसई, को निर्देश दिया कि वे बेटे को 50 लाख रुपये और पिता को 30 लाख रुपये की राशि दो सप्ताह के भीतर भुगतान करें।

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