बाजार में एफआईआई का दूसरा रिकॉर्ड, चालू वित्त वर्ष में 1.57 लाख करोड़ निवेश 

मुंबई- विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा निवेश किया है। चालू वित्त वर्ष में इन निवेशकों ने इक्विटी में शुद्ध रूप से 1,56,818 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले 2020-21 में रिकॉर्ड 2.70 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। एफआईआई ने भारतीय बाजार में 1992-92 से निवेश शुरू किया था और उस समय केवल 13 करोड़ रुपये लगाए थे। आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 5 वित्त वर्ष में इनका निवेश एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है। इसमें 2014-15 में 1.11 लाख करोड़, 2012-13 में 1.40 लाख करोड़, 2010-11 में 1.10 लाख करोड़ रुपये का निवेश था। 

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, अमेरिका के केंद्रीय बैंक के महंगाई में नरम दृष्टिकोण के कारण अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड पर ब्याज एक साल में 4 फीसदी के आसपास घूम रही है। महंगाई के दृष्टिकोण को देखते हुए बॉन्ड का ब्याज ऊपरी सीमा के करीब होने की संभावना है। इससे एफपीआई की निकासी को लेकर चिंताएं कम हैं। बुरे फंसे कर्जों के कम होने व मजबूत निवेश और रियल एस्टेट की मजबूती से चीन की तुलना में भारत के लिए विकास का नजरिया मजबूत बना हुआ है। 

शेयर बाजार में एफआईआई के निवेश का मूल्य जून,2022 की तुलना में 17% जुलाई तक 53.2 लाख करोड़ रुपये रहा है। इन्होंने सभी सेक्टरों में खरीदारी की है। ज्यादातर निवेश वित्तीय, औद्योगिक, खपत, ऊर्जा में रहा है। 

इन निवेशकों ने कैलेंडर साल में अब तक छह बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। इसमें 2024 में अब तक 1.30 लाख करोड़, 2020 में 1.70 लाख करोड़ रुपये, 2019 में 1.01 लाख करोड़, 2013 में 1.13 लाख करोड़, 2012 में 1.28 लाख करोड़ और 2010 में 1.33 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।  

प्रमुख देशों में इस साल निवेश की बात करें तो सबसे ज्यादा निवेश भारत में आया है। भारत में अप्रैल में 192 करोड़ डॉलर, मई में 500 करोड़ डॉलर, जून में 671 करोड़ डॉलर, जुलाई में 414 करोड़ डॉलर और अगस्त में अब तक 122 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है।  

इसके उलट ताईवान के बाजारों से इसी दौरान अप्रैल में 255 करोड़ डॉलर, जुलाई में 299 करोड़ डॉलर और अगस्त में 389 करोड़ डॉलर की निकासी की गई है। हालांकि मई में 520 करोड़ डॉलर और जून में 62 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है। चीन में अप्रैल में 723 करोड़ डॉलर और मई में 4042 करोड़ डॉलर की निकासी के बाद जून में 625 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है।  

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