1.20 लाख करोड़ रुपये की पकड़ी गई जीएसटी चोरी, 59 हजार कंपनियों की जांच

मुंबई- जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय यानी डीजीजीआई ने पिछले चार साल में 1.20 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी है। इस दौरान 59,000 फर्जी कंपनियों का भी पता चला है। इनके खिलाफ जांच चल रही है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, फर्जी तरीके से इनपुट क्रेडिट टैक्स का फायदा उठाने वाले 170 लोगों को भी पकड़ा गया है।

वित्त मंत्रालय ने कहा, टैक्स चोरी करने वालों की पहचान व उनके मास्टरमाइंड्स को पकड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर समय-समय एक खास अभियान चला रखा है। इस बार यह अभियान 16 अगस्त से 15 अक्तूबर तक चलेगा। इसका मसकद संदिग्ध व फर्जी जीएसटीआईएन की पहचान करना, कंपनियों का सत्यापन और फर्जी बिल देने वालों को जीएसटी इकोसिस्टम से हटाने के उपाय करना शामिल है।

अगर जीएसटीआईएन फर्जी है या मौजूद ही नहीं है, तो कर अधिकारी पंजीकरण को निलंबित करने और रद्द करने तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने की कार्रवाई शुरू करेंगे। राजस्व सचिव संजय मलहोत्रा ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, कार्रवाई और कारोबार को आसान बनाने के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। जीएसटी रिटर्न में लागू किए गए हालिया बदलाव जैसे जीएसटीआर-1ए से व्यवस्थित तरीके से चोरी से निपटने के प्रयासों में मदद मिलेगी।

पिछले साल मई में चलाए गए विशेष अभियान में 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध जीएसटी चोरी से जुड़े करीब 22,000 फर्जी पंजीकरणों का पता चला था। देश में करीब 1.4 करोड़ से अधिक जीएसटी पंजीकरण हुए हैं। हालांकि, इसमें से कुछ फर्जी तरीके से किए गए हैं। जुलाई, 2017 में जीएसटी को लागू किया गया था। इस साल अप्रैल में रिकॉर्ड 2.10 लाख करोड़ रुपये का संग्रह रहा है।

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