टॉप अप कवर लेकर कम प्रीमियम में ही इंश्योरेंस से करा सकते हैं महंगा इलाज

मुंबई- इस समय इलाज काफी महंगा हो गया है। गंभीर बीमारी या एक्सीडेंट के मामले में किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही बिल का मीटर चालू हो जाता है। कई बार ऐसी भी स्थिति आती है कि अस्पताल का बिल चुकाने में मरीज के परिजन को अपनी ज्वैलरी, यहां तक कि घर भी बेचना पड़ जाता है। कई मामलों में हेल्थ इंश्योरेंस होने के बाद भी ऐसी स्थिति आ जाती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि गंभीर बीमारी या गंभीर दुर्घटना के मामले में हेल्थ इंश्योरेंस का कवर कम पड़ जाता है। ज्यादा कवर का इंश्योरेंस लेने पर ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ता है। इस वजह से ज्यादातर लोग ज्यादा कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस लेने से बचते हैं। लेकिन ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप टॉप-अप लेकर भी कम इंश्योरेंस में महंगा इलाज करवा सकते हैं।

ज्यादातर लोग 5 लाख रुपये के बेसिक कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं। अगर इलाज का खर्च 5 लाख रुपये से ज्यादा आ जाए तो बाकी की रकम अपनी जेब से देनी पड़ती है। टॉप-अप के मामले में ऐसा नहीं है। यह एक तरह से हेल्थ इंश्योरेंस ही होता है, लेकिन बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस से अलग। इसका प्रीमियम सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस के मुकाबले बेहद कम होता है। बेसिक इंश्योरेंस का कवर खत्म होने पर ये टॉप-अप काम आते हैं।

अगर कोई शख्स 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहता है तो यह उसकी उम्र पर निर्भर करेगा कि इंश्योरेंस का प्रीमियम कितना होगा। उम्र जितनी कम होगी, प्रीमियम उतना ही कम होता है। 5 लाख रुपये के कवर वाले हेल्थ इंश्योरेंस का सालाना प्रीमियम करीब 10 हजार रुपये से शुरू होता है। वहीं अगर वह शख्स 50 लाख रुपये का टॉप-अप लेता है तो इसका सालाना प्रीमियम करीब 2 से 3 हजार रुपये ही होगा। ऐसे में वह शख्स 5 लाख के बेसिक कवर हेल्थ इंश्योरेंस पर 50 लाख रुपये का इलाज करवा सकता है। इसका सालाना प्रीमियम भी महज करीब 13 हजार रुपये ही होगा।

टॉप-अप हेल्थ प्लान को आप साल में एक बार ही क्लेम कर सकते हैं। हालांकि अब कुछ कंपनियां हर क्लेम पर इसे लागू कर रही हैं। यानी आप साल में लिमिट खत्म होने तक कितनी भी बार क्लेम कर सकते हैं।

बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस की डिडेक्टिबल लिमिट के बाद ही इसका फायदा मिलता । डिडेक्टिबल लिमिट आप खुद तय कर सकते हैं। यह बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस के कवर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

आपके पास जिस कंपनी का बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस है, उसी कंपनी का टॉप-अप प्लान लेना बेहतर माना जाता है। इससे क्लेम में आसानी होती है। टॉप-अप हेल्थ प्लान लेते समय कंपनी के सभी नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ें। इसके बाद ही प्लान खरीदें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *