भारत के एनर्जी थीम में दशकों तक निवेश का अवसर, आईप्रू की फंड मैनेजर को सुनिए
मुंबई- तेजी से बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और सरकारी उपायों से मिली आसानी के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड ने भारत के एनर्जी थीम वाले अवसरों में 4 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश किया है। एनर्जी को एक बहु-दशकीय (multi-decadal) थीम के रूप में पहचानते हुए फंड हाउस अब एनर्जी एक्सपोजर में जोखिम उठाने को तैयार निवेशकों की बढ़ती भूख को पूरा करने के लिए नए-नए ऑफर लॉन्च कर रहे हैं।
30 जून, 2024 तक, एनर्जी थीम आवंटन 4.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो जून 2023 के मूल्य से दोगुना से अधिक और जून 2019 से लगभग चौगुना हो गया है। विविध (diversified) इक्विटी फंडों के साथ-साथ, एनर्जी-थीम वाले फंड जैसे कि हाल ही में लॉन्च किया गया आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एनर्जी ऑपर्च्युनिटीज फंड, एनर्जी थीम के लिए खासतौर पर एक्सपोजर प्रदान करता है।
विशेषज्ञ एनर्जी शेयरों में निवेश के महत्वपूर्ण अवसरों की तरफ इशारा कर रहे हैं, जो वर्तमान में काफी आकर्षक मूल्यांकन पर ट्रेड कर रहे हैं। भारत की एनर्जी डिमांड जो पहले से ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी डिमांड है, आगे और बढ़ने के लिए तैयार है और अनुमान है कि आने वाले वर्षों में इसमें 4% से 5% की वार्षिक वृद्धि होगी। प्रति व्यक्ति खपत (Per capita consumption), जो वर्तमान में वैश्विक औसत का एक तिहाई है, में पर्याप्त वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार का लक्ष्य 2025 तक सभी घरों तक बिजली पहुंचाना है।
फंड मैनेजर्स को अगले दशक में मांग में पर्याप्त वृद्धि की उम्मीद है। जैसे-जैसे आय बढ़ती जा है और जीवनशैली बदलती जा है, एनर्जी से सम्बद्ध अप्लायन्स, वाहनों और आधुनिक सुविधाओं की मांग बढ़ती जा रही है। इस वृद्धि को रिनिवेबल एनर्जी के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन जैसी सरकारी उपायों से और भी बढ़ावा मिलता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में फंड मैनेजर नित्या मिश्रा ने कहा, “हमारा मानना है कि एनर्जी क्षेत्र में मौजूदा मूल्यांकन अपेक्षाकृत उचित है। उदाहरण के लिए, निफ्टी एनर्जी इंडेक्स वर्तमान में व्यापक निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना में 38 प्रतिशत के प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) डिस्काउंट पर कारोबार कर रहा है। यह तब है जब एनर्जी क्षेत्र ने हाल ही में बड़े बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है। प्राइस-टू-बुक (पी/बी) डिस्काउंट और भी अधिक महत्वपूर्ण है।”
निवेशकों को लॉंग टर्म अप्रोच अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तथा मजबूत विकास क्षमता और लचीलेपन वाली कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मिश्रा ने कहा कि भारत में एनर्जी से संबंधित निवेश के लिए विकास की गति निस्संदेह मजबूत है। मजबूत एनर्जी की डिमांड, सहायक सरकारी नीतियों और तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के साथ मिलकर आने वाले दशक में इस क्षेत्र में अच्छा खासा रिटर्न मिलने के माहौल की उम्मीद है।”
इस फंड हाउस का प्लान एक विविध दृष्टिकोण (diversified approach) अपनाने की है जिसमें संपूर्ण एनर्जी वैल्यू चेन में स्ट्रेटेजिक रूप से निवेश आवंटित किया जाएगा। मिश्रा ऑयल, गैस और थर्मल पावर जैसे पारंपरिक (conventional) एनर्जी स्रोतों के स्थापित कंपनियों में मुख्य निवेश की कल्पना करती हैं ताकि स्थिरता और लगातार नकदी प्रवाह (cash flow) की नींव रखी जा सके। उभरते क्षेत्रों की उच्च-विकास क्षमता को प्राप्त करने के लिए फंड मैनेजर रिनिवेबल एनर्जी, एनर्जी दक्षता प्रौद्योगिकियों (energy efficiency technologies) और सहायक सेवाओं में सेटेलाइट इन्वेस्टमेंट करने का इरादा रखती हैं।
पोर्टफोलियो का लक्ष्य होगा कि किसी एक कंपनी या सब सेक्टर पर अत्यधिक निर्भर न रहा जाए। मिश्रा उन मजबूत फंडामेंटल्स, मजबूत बैलेंस शीट और अनुभवी प्रबंधन टीमों वाली कंपनियों को प्राथमिकता देती हैं, जो बाजार में उतार-चढ़ाव का सामना करने में बेहतर ढंग से सक्षम हैं।