पूर्व गवर्नर सुब्बाराव ने कहा, मुफ्त रेवड़ियां बंद हों, व्हाइट पेपर लाए जाएं
मुंबई- पॉलिटिकल पार्टिज की ओर से ऑफर की जाने वाली फ्रीबीज यानी मुफ्त के उपहारों पर सरकार को श्वेत पत्र लाने की जरूरत है। यह बात रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कही है।
पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लीडरशिप में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को इन मुफ्त उपहारों के फायदे और नुकसान के बारे में जागरूक करे। फ्रीबीज पर एक व्यापक डीस्कशन की जरूरत है कि कैसे राजनीतिक दलों को ऐसा करने से रोका जाए। फ्रीबीज को आम बोलचाल की भाषा में ‘रेवड़ी’ और इसे देने के चलन को ‘रेवड़ी कल्चर’ कहते हैं।
डी. सुब्बाराव ने कहा कि भारत जैसे देश में यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह समाज के सबसे कमजोर तबके के लोगों को कुछ मुफ्त सुविधाएं दे। साथ ही, यह भी देखे कि इन फ्री सुविधाओं की जरूरत कब तक है। दुव्वुरी सुब्बाराव 1972 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के IAS ऑफिसर हैं। 5 सितंबर 2008 से 4 सितंबर 2013 तक RBI के 22वें गवर्नर थे। RBI से हटने के बाद, वह पहले नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और बाद में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग फेलो रहे।
श्वेत पत्र यानी वाइट पेपर एक रिपोर्ट, गाइड, रिसर्च बेस्ड पेपर या औपचारिक सरकारी दस्तावेज होता है। यह किसी विषय या समस्या के समाधान, नीति प्रस्तावों के बारे में एक्सपर्ट के एनालिसिस के आधार पर पेश किया जाता है। ये सफेद कवर में बंधा होता है। यही कारण है कि इसे श्वेत पत्र कहा जाता है। आमतौर पर राजनीति में इसका उपयोग सरकारें ऐतिहासिक रूप से नई पॉलिसी या कानून को पेश करने के लिए करती हैं। इसका उपयोग गवर्नमेंट इनिशिएटिव, किसी स्कीम या पॉलिसी पर जनता की राय जानने के लिए किया जाता है।
पिछले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते समय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने फ्रीबीज स्कीम पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कहा था, ‘पता नहीं क्यों, सभी सरकारों को 5 साल याद नहीं आती, आखिरी महीने या 15 दिन में ही सभी घोषणाएं करने की याद आती है, लेकिन ये राज्य सरकारों का अधिकार है।
करीब दो साल पहले PM नरेंद्र मोदी ने कहा था ‘हमें देश की रेवड़ी कल्चर को हटाना है। रेवड़ी बांटने वाले कभी विकास के कार्यों जैसे रोड नेटवर्क, रेल नेटवर्क का निर्माण नहीं करा सकते। ये अस्पताल, स्कूल और गरीबों को घर नहीं बनवा सकते।’ PM मोदी ने युवाओं से इस पर विशेष रूप से काम करने की बात कही और कहा कि ये रेवड़ी कल्चर आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक साबित होगा।’