आपके वेतन पर टीडीएस फिक्स नहीं, ऐसे टैक्स काटती है आपकी कंपनी
मुंबई- कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन पर हर कंपनी को टीडीएस काटना पड़ता है। हालाँकि, वेतन पर टीडीएस दर निश्चित नहीं होती है। नियोक्ता कर्मचारी के वेतन पर टैक्स की औसत दर पर टीडीएस काटता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वेतन पर टीडीएस एक दर पर नहीं काटा जाता है।
टैक्स डिडक्शन एट सोर्स यानी टीडीएस की गणना कर्मचारी की अनुमानित शुद्ध कर देनदारी पर निर्भर करती है। इसमें कर्मचारी की ओर से चुनी गई टैक्स व्यवस्था, कर मुक्त आय, खर्चे और कर बचत निवेश पर कटौती जैसे विभिन्न कारकों पर भी विचार किया जाता है। इसके लिए कंपनियां वित्त वर्ष की शुरुआत में कर्मचारियों के खर्चों और निवेश का स्पष्टीकरण कराती हैं, जो कर कटौती या छूट के लिए पात्र होते हैं।
कर्मचारियों की जानकारी के आधार पर कंपनियां वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही तक हर महीने औसत टीडीएस काटती हैं। औसत टीडीएस का मतलब है कि एक बार शुद्ध कर योग्य आय का अनुमान लगने के बाद, कुल टैक्स देनदारी का अनुमान लगाया जाएगा और शुद्ध वेतन से कटौती की जाएगी। फिर कुल कर राशि को 12 महीनों से विभाजित किया जाएगा। जो आंकड़ा आएगा, वह मासिक वेतन से टीडीएस के रूप में कटेगा।
चूंकि टीडीएस की कटौती की दर चुने गए टैक्स सिस्टम और कर्मचारी की दी हुई जानकारी पर आधारित है, इसलिए कुछ परिस्थितियों में कोई बदलाव होने पर इसमें संशोधन किया जा सकता है। इसमें कर्मचारी की ओर से वर्ष भर में टैक्स बचत निवेशऔर वित्त वर्ष की शुरुआत में घोषित किए गए निवेश में अंतर हो तो टीडीएस बदल सकता है। कर्मचारी को मिले कोई भी वेतन वृद्धि या बोनस जो कुल मुआवजे का हिस्सा नहीं बन रहा था या कर्मचारी के वेतन ढांचे में संशोधन जैसे कि उसे दिए जाने वाले भत्ते में परिवर्तन या फिर वित्त वर्ष के बीच में कर्मचारी का नौकरी के बदल जाने से टीडीएस दर को संशोधित किया जा सकता है।
यदि किसी कर्मचारी को कई स्रोतों से आय होती है, जैसे वेतन, फ्रीलांस के काम, किराये की आय, आदि तो यह टीडीएस कटौती को प्रभावित कर सकता है। नियोक्ता या कंपनी को टीडीएस की गणना करते समय आय के सभी स्रोतों को ध्यान में रखना होगा, इसलिए कर्मचारियों को अपनी सभी आय घोषित करनी होती है।
पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ऐसे होगी टैक्स की कटौती
अनुमानित आय | 7.60 लाख रुपये |
अनुमानित कर देनदारी | 64,500 रुपये |
स्वास्थ्य एवं शिक्षा कर सेस 4 फीसदी (64,500 पर) | 2,580 रुपये |
अनुमानित कुल कर देनदारी | 67,080 रुपये |
मासिक टीडीएस | 5,590 रुपये |
मासिक वेतन | 80,000 रुपये |
टीडीएस कटौती | 5,590 रुपये |
शुद्ध वेतन मासिक | 74,410 रुपये |
अगर आपका वेतन सालाना 10 लाख से ज्यादा है तो बेहतर होगा कि आप पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनें। इसमें आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलता है। इस पर आप टैक्स बचा सकते हैं। अर्चना पांडे, निवेश सलाहकार