आपकी किस्त नहीं बढ़ेगी, लेकिन डिपॉजिट पर भी कम मिलता रहेगा ब्याज
मुंबई- मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में आरबीआई ने फैसला किया कि रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा। इस फैसले से न तो आपके लोन की किस्त बढ़ेगी और न ही आपको बैंक जमा पर ज्यादा ब्याज मिलेगा।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘MPC के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रीपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार पांचवीं बार रीपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।
आरबीआई ने लोगों को राहत देते हुए शुक्रवार को अस्पतालों में इलाज और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए लोकप्रिय भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये भुगतान की सीमा एक बार में एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है।
इस पहल का मकसद चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में भुगतान को लेकर यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ाना है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए शुक्रवार को कहा, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा को मौजूदा के एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है।
केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस बारे में जल्दी ही अलग से निर्देश जारी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुछ श्रेणियों को छोड़कर यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा एक लाख रुपये निर्धारित है। जिन श्रेणियों को पहले से छूट है, उसमें पूंजी बाजार (संपत्ति प्रबंधन कंपनी, ब्रोकिंग, म्यूचुअल फंड आदि), क्रेडिट कार्ड भुगतान, कर्ज वापसी, ईएमआई, बीमा आदि शामिल हैं।
इन मामलों में यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा दो लाख रुपये है। केंद्रीय बैंक ने पूर्व में खुदरा प्रत्यक्ष योजना (आरडीएस) और आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) के लिये आवेदन को लेकर यूपीआई के तहत भुगतान की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था। आरबीआई की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में बिना मध्यस्थों के निवेश की अनुमति है।