चीन से सप्लाई चेन हटने से भारत को होगा सबसे ज्यादा फायदा 

मुंबई- दुनिया भर की कंपनियां जोखिम कम करने और भू-राजनीतिक चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए अपनी सप्लाई चेन में तब्दीली करने को तैयार हैं। एक वित्तीय संस्थान मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि भारत, मैक्सिको और दक्षिण पूर्व एशिया को इसका सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है। 

मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि निकट भविष्य में भारत बहुत सारे प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग करेगा, और मेक्सिको अमेरिका में अपना एक्सपोर्ट बढ़ाएगा। सप्लाई चेन बदलने में समय लगेगा और इसमें कंपनियों की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए जा सकते हैं। हालांकि कई कंपनियां अभी भी चीन में कारोबार कर रही हैं, लेकिन आने वाले समय में बहुत सारी कंपनियां दक्षिण पूर्व एशिया, मैक्सिको और भारत में प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करना शुरू कर देंगी। 

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत में हम 2031 तक मैन्युफैक्चरिंग बेस को तिगुना होते हुए देखते हैं, उसी समय देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका हिस्सा लगभग 16% से 21% तक बढ़ जाएगा।” कंपनियों को अपना उत्पादन चीन से दूर दक्षिण पूर्व एशिया और भारत जैसे अन्य स्थानों पर ले जाने में कुछ समय लगेगा। चीन दुनिया के लिए बहुत सी चीजें बनाता है, लेकिन जैसे-जैसे कंपनियां अपने उत्पादन को दूसरे देशों में ले जाएंगी, अमेरिका, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया जैसी जगहें तेजी से ग्रो करेंगी और बहुत सारे प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग यहां होने लगेगी। 

चीन का वैश्विक अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बनना एक अलग तरह की घटना थी। चीन जैसे चीजों को मैनेज शायद ही दुनिया की दूसरी इकॉनमी कर पाएं। हो सकता है कि ऐसा ही करने का प्रयास करने वाले अन्य देशों को वैसी सफलता न मिले। सप्लाई चेन को बदलने से ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। 

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