167 साल पुराने क्रेडिट सुइस को यूबीएस ने खरीदा, 132 लाख करोड़ की बैलेंसशीट 

मुंबई- स्विटजरलैंड के यूबीएस बैंक ने क्रेडिट सुइस के सौदे को पूरा कर लिया है। अब क्रेडिट सुइस की सभी संपत्तियां यूबीएस की हो जाएंगी। इसके साथ ही यूबीएस का बहीखाता (बैलेंसशीट) 132 लाख करोड़ रुपये (1.6 लाख करोड़ डॉलर) की हो जाएगी। 2008 की वैश्विक मंदी के बाद दुनिया में बैंकिंग क्षेत्र का यह सबसे बड़ा सौदा है। यह तीन माह से भी कम समय में पूरा हुआ है। 

इस सौदे से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार में यूबीएस का दबदबा और बढ़ जाएगा। इस विलय समझौते का मकसद दो अमेरिकी बैंकों के पतन के बाद वैश्विक वित्तीय प्रणाली में उथल-पुथल को दूर करना था। इस अधिग्रहण के बाद यूबीएस स्विट्जरलैंड का एकमात्र प्रमुख बैंक रह जाएगा। यूबीएस ने सोमवार को कहा, यह सौदा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। क्रेडिट सुइस लंबे समय तक यूबीएस बैंक का प्रतिस्पर्धी रहा है। यूबीएस ने क्रेडिट सुइस को 3.3 अरब डॉलर में खरीदा है। 

मार्च में जब क्रेडिट सुइस के शेयर गिर गए थे और जमाकर्ताओं ने डरकर अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया था, ऐसे माहौल में स्विस सरकार और नियामकों ने जल्दबाजी में इस सौदे को अंतिम रूप दिया था। यूबीएस ने एक पत्र में कहा, यह बैंक के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। इससे स्विट्जरलैंड ग्लोबल फाइनेंशियल इंडस्ट्री के सबसे प्रभावशाली वित्तीय केंद्र के तौर पर उभरकर सामने आएगा। 

इस सौदे के बाद बैंक का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 5 ट्रिलियन डॉलर (412 लाख करोड़ रुपए) से भी ज्यादा हो जाएगा। पूरी दुनिया में दोनों बैंकों के 1 लाख 20 हजार कर्मचारी काम करते हैं। यूबीएस ने कहा है कि वह लागत कम करने के लिए कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेगा। स्विट्जरलैंड सरकार ने क्रेडिट सुइस के अधिग्रहण में शामिल जोखिमों के लिए यूबीएस को 9.7 बिलियन डॉलर (80 हजार करोड़ रुपए) का गारंटी कवर दिया है। 

क्रेडिट सुइस बैंक को खरीदने में सपोर्ट करने के लिए स्विस नेशनल बैंक ने यूबीएस को 108 बिलियन डॉलर (8.91 लाख करोड़ रुपए) का लोन भी दिया है। यूबीएस को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही के नतीजे जब 31 अगस्त को आएंगे तो उसे भारी मुनाफा होगा। 

विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीने उतार-चढ़ाव वाले होंगे, क्योंकि यूबीएस क्रेडिट सुइस को अवशोषित करने के साथ आगे बढ़ेगा। इस पूरी प्रक्रिया के लिए तीन से पांच साल लग जाएंगे। पहली चुनौती विलय को चलाने की होगी। बैंक के घरेलू व्यवसाय के भविष्य के बारे में एक राजनीतिक रूप से भयावह निर्णय होगा। इसकी बैलेंसशीट स्विस अर्थव्यवस्था के आकार से लगभग दोगुनी होगी। इसका मतलब है कि यूबीएस को और भी कठिन विनियमन और पूंजी जरूरतों से बचने के लिए सावधानी से चलने की आवश्यकता हो सकती है। 

यूबीएस के चेयरमैन कोम केलहेर ने बताया, इस तरह के बड़े पैमाने पर अधिग्रहण के कारण यूबीएस को कर्मचारियों और ग्राहकों को बनाए रखने की चुनौती भी होगी। साथ ही क्या सौदा लंबे समय में शेयरधारकों के लिए मूल्य प्रदान कर सकता है। इस अधिग्रहण से बैंक के ग्राहकों, कर्मचारियों, शेयरधारकों के साथ ही साथ पूरे स्विट्जरलैंड की अर्थव्यवस्था के लिए कई नए अवसर खुलेंगे। यह डील स्विट्जरलैंड के वित्तीय ढांचे को बचाने के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि, इसके साथ ही कई नई चुनौतियां भी खड़ी होंगी।

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