निष्क्रिय बैंक खाता पर भी मिलता रहेगा ब्याज, इसे ऐसे करा सकते हैं चालू
मुंबई- हाल में आरबीआई ने बैंकों ने से कहा है कि वे उन बिना दावे वाली रकम के जमाकर्ताओं को खोजें जिनका कोई पता नहीं है। इसके लिए 100 दिन का अभियान एक जून से चालू किया गया है। इसमें शीर्ष 100 जिलों के 100 जमाकर्ताओं को खोजा जाएगा और उनको उनकी रकम दी जाएगी। बैंकों के पास इस समय करीबन ऐसी 35,000 करोड़ रुपये की रकम पड़ी है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग किसी भी परिवर्तन की जानकारी बैंक को नहीं देते हैं।
बहुतेरे लोग अपना पता बदल देते हैं। मोबाइल नंबर बदल देते हैं। पर वे इसकी सूचना बैंक को नहीं देते हैं। इसका नुकसान यह है कि बैंक पुराने रिकॉर्ड के आधार पर ही आपको चेकबुक, डेबिट कार्ड या कोई भी पत्र व्यवहार करता है और इसका आपको पता नहीं चलता है। इसलिए किसी भी स्थिति में ऐसे बदलावों की जानकारी बैंक को देना अनिवार्य और फायदेमंद है। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आपका निष्क्रिय खाता चालू हो सकता है और इसके लिए क्या किया जा सकता है।
आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार, अगर किसी भी बचत या चालू बैंक खाता में दो साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है तो ऐसा खातों को बैंक निष्क्रिय खाता की कैटेगरी में डाल देते हैं। लेनदेन का मतलब यह है कि अगर आप ऑनलाइन लॉगइन करें या एटीएम से पैसे निकालें या चेकबुक से भी जमा या पैसा निकालें तो भी खाता चालू रहेगा। लेकिन एक निष्क्रिय खाते में न तो आप पैसा जमा कर सकते हैं न ही निकाल सकते हैं। यहां तक कि सारे डिजिटल लेनदेन जैसे यूपीआई, आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीएस भी इसमें काम नहीं करते हैं।
ऐसे खातों को फिर से चालू किया जा सकता है। हालांकि, सभी बैंकों में इसके नियम अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन सामान्य तौर पर जो नियम है उसके मुताबिक, सबसे पहले आपको उस बैंक की शाखा में जाना होगा, जहां आपका खाता है। आपको एक पत्र बैंक को देना होगा जिसमें वही हस्ताक्षर हो, जो खाते में है। इसमें यह लिखना होगा कि आपके खाते को फिर से चालू किया जाए। फिर एक पते का सबूत और पहचान पत्र देना होगा जिस पर आपका हस्ताक्षर होगा। खाता सक्रिय होने के तुरंत बाद आपको कोई भी लेनदेन करना होगा। यानी या तो पैसा निकालना होगा या जमा करना होगा। यह रकम 100 रुपये भी हो सकती है।
अगर ऐसा कोई खाता है जो दो लोगों के नाम पर है तो उसमें भी उपरोक्त प्रक्रिया ही अपनानी होगी। हालांकि, इसमें दोनों लोगों का हस्ताक्षर होना जरूरी है। यहां भी केवाईसी जमा करनी होगी। इसमें पैन, आधार या कोई और पते का सबूत हो सकता है। ध्यान रखें, पैन कार्ड कभी भी पते का सबूत नहीं होता है।
अगर आपका बचत खाता निष्क्रिय है और उसमें कोई भी रकम जमा है तो इस पर बैंक नियमित समय पर ब्याज देता रहेगा। यह ब्याज उसी खाते में जमा होता रहेगा। हालांकि, यह ब्याज आपको तभी मिलेगा, जब खाता सक्रिय होगा। लेकिन अगर कोई एफडी है और वह परिपक्व हो गई यानी जितने समय के लिए आपने एफडी कराया था वह समय पूरा हो गया तो उसके बाद उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इसे बिना दावे वाली रकम के रूप में घोषित कर दिया जाएगा।
बिना दावे वाली रकम के लिए अब एक ही पोर्टल
वर्तमान में,10 वर्ष या उससे अधिक समय तक दावा न किए गए बैंक जमा के लाभार्थियों को दावा न किए गए जमा का पता करने के लिए बैंकों की कई वेबसाइटों के माध्यम से जाना पड़ता है। लेकिन अब दावेदार एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म पर ऐसे सभी खातों की खोज कर सकेंगे। यदि आपका खाता समय के साथ संचालन न करने के कारण निष्क्रिय हो जाता है तो आपको क्या करना चाहिए। उस स्थिति में, आपको इसका उपयोग फिर से शुरू करने के लिए इसे फिर से सक्रिय करना होगा और किसी भी शेष जमा राशि का दावा करना होगा।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, खाता अगर निष्क्रिय हो गया है तो उसे आप सारे कागजात देकर चालू करा सकते हैं। इसके लिए कोई जुर्माना या किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। हां, अगर उसमें न्यूनतम बैलेंस से कम रकम है तो इसका जो भी शुल्क होगा, वह आपको देना होगा।