टैक्स की दरों में कम करके सरकार कमा सकती है ज्यादा टैक्स, ये है सलाह 

मुंबई- जानेमाने अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने देश में इनकम टैक्स के रेट में कमी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अमीर देश नहीं है, लेकिन यहां कर संग्रह काफी अधिक है और ऐसे में आयकर की दर को मौजूदा करीब 40 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए।  

उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि की गति को तेज करने के लिए कर की दर में कमी करना जरूरी है। इस समय भारत में इनकम टैक्स की अधिकतम दर करीब 40 प्रतिशत है। भल्ला ने कहा, ‘हम दुनिया में बहुत अधिक वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था हैं। यदि आप भारत में कर संरचना को देखते हैं, तो करों का संग्रह काफी अधिक है, जबकि हम दुनिया के सबसे धनी अर्थव्यवस्था नहीं हैं।’  

उन्होंने कहा कि राज्य, केंद्र और स्थानीय निकायों का कर संग्रह भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 19 प्रतिशत है। उन्होंने आगे कहा, ‘हमें इसे दो प्रतिशत कम करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। जहां तक प्रत्यक्ष करों का संबंध है, मुझे लगता है कि कुल कर की दर 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभी यह सरचार्ज को मिलाकर 40 के करीब है। हमारी कॉरपोरेट कर की दर 25 प्रतिशत है, यही हमारी आयकर दर होनी चाहिए।’ इस समय भारत में आयकर की अधिकतम दर 39 प्रतिशत है। 

भल्ला ने कहा कि समाज के एक चुनिंदा वर्ग को लाभ पहुंचाने की जगह करों को सभी के लिए कम करने की जरूरत है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 20 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 19.68 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसमें 10.04 लाख करोड़ रुपये का ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन और 9.60 लाख करोड़ रुपये का आईटी कलेक्शन शामिल है।  

भल्ला ने कहा कि टैक्स चोरी को कम करने के लिए डायरेक्ट टैक्स में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘इनकम टैक्स के रेट हाई रखकर आप टैक्स चोरी कम नहीं कर सकते हैं। हमें टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने की जरूरत है ताकि इसका फायदा सबको मिले।’ 

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