8 साल के बच्चे ने कारोबार का तैयार किया प्लान, अब खड़ी कर दी कंपनी
मुंबई- महाराष्ट्र के रहने वाले अजिंक्य धारिया ने 8 साल की उम्र में ही इसपर अपना बिजनस प्लान तैयार कर लिया। बड़े हुए से रिसर्च शुरू कर दी और 26 साल की उम्र में अपना खुद की कंपनी खड़ी कर दी। अजिंक्य ने सैनिटरी वेस्ट की समस्या को समझा, उनके कारण होने वाले नुकसान को समझा और सैनिटरी वेस्ट के डिकंपोज करने का तरीका खोल निकाला ।
अजिंक्य धारिया शार्क टैंक इंडिया में फंड रेज करने के लिए शामिल हुए। उन्होंने शो के दौरान बताया कि कैसे उन्हें सैनिटरी पैड डिकंपोज मशीन का आइडिया मिला। अजिंक्य ने बताया कि जब वो 8 साल का था, जब उसकी मां ने उन्हें पीरियड्स और सैनिटरी पैड के बारे में बताया था। जब उसे सैनिटरी पैड को डिकंपोज करने का तरीका पता चला तो वो हैरान रह गया। उनसे उसी वक्त ठान लिया कि वो इस समस्या का हल निकालेगा।
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वो इसके बारे में रिसर्च करने लगा। रिसर्च के दौरान उसे हैरान करने वाली बातें पता चली। उसने बताया कि एक महिला अपने जीवन में 7500 सैनिटरी नैपकिन यूज करती है, लेकिन उसे डिस्पोज ऑफ करने का तरीका बहुत गलत है, जिसका असर पर्यावरण पर पड़ता है। ये सैनिटरी पैड सालों बाद तक वातावरण में इधर-उधर घूमता रहता है।
अजिंक्य ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि भारत में हर साल 1200 करोड़ सैनिटरी नैपकिन जनरेट होते हैं। इनमें से 98 फ़ीसदी सैनिटरी नैपकिन लैंडफिल और वाटर बॉडीज में जाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। अंजिक्य ने बताया कि कैसे एक सैनिटरी पैड को सड़ने में 500 से 800 साल लड़ते हैं। इसी समस्या का हल अंजिक्य ने अपनी कंपनी के जरिए निकाला है।
अंजिक्य ने सैनिटरी पैड के डिस्पोजल और रीसाइक्लिंग के लिए एक मशीन तैयार की, जिसे PadCare का नाम दिया। पैडकेयर कंपनी में उसने तीन मशीने तैयार की। पैडकेयर बिन, पैड केयर एक्स, पैडकेयर वेंड मशीन तैयार की। इन मशीनों के जरिए सैनिटरी पैड के डिस्पोजल की समस्या का निपटान करने में मदद मिलती है। अंजिक्य की कंपनी देश के बड़े शहरों के कॉरपोरेट हाउस, एयरपोर्ट, बस स्टेशन पर इस मशीन को इंस्टाल करती है। देश के अलावा विदेशों में इस मशीन की डिमांड बढ़ी है। अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप के देशों से उन्हें ऑर्डर मिल रहे हैं।
अंजिक्य के इस स्टार्टअप के बारे में जानकर शो के जज हैरान रह गए। अंजिक्य ने 50 लाख की फंड मांगी थी, लेकिन 26 साल के इस लड़के का कॉन्फिडेंस और बिजनस प्लान सुनकर हर कोई दंग रह गया। 11 महीने की मेहनत के बाद उसने ये मशीन तैयार की और करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी। अंजिक्य की कहानी सुनकर शार्क्स उनपर फिदा हो गए। लेंसकार्ट के फाउंडर में पीयूष बंसल ने उन्हें ब्लैंक चेक के साथ ऑफर दिया और कहा कि वो जितना चाहे उतना भर लें।