घटिया गुणवत्ता वाले वायरों को खत्म करने के लिए लाया जाए कानून
मुंबई- नकली तारों और केबलों या घटिया गुणवत्ता वाले तारों के उपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून लाने की जरूरत है। भारत में नकली उत्पाद को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है, जिससे देश को भारी नुकसान होता है। नकली तार की समस्या बेहद खतरनाक है जो उपभोक्ताओं के जीवन के लिए जोखिमपूर्ण है क्योंकि वे खराब गुणवत्ता वाली सामग्री से बने होते हैं। तार और केबल निर्माताओं ने इसे खत्म करने के लिए कानून लाने की मांग की है।
भारतीय इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईईईएमए) के पूर्व अध्यक्ष और आर आर काबेल के एमडी गोपाल काबरा ने बुधवार को कहा, देश में सुरक्षा को मजबूत करने में कानून महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मौजूदा और नई दोनों ही इमारतों में बिजली से लगने वाली आग से सुरक्षा के महत्व के बारे में लोगों और अधिकारियों को जागरूक किया जाना महत्वपूर्ण है। आवासीय समुदायों, विशेष रूप से ऐसी ऊंची इमारतों, जिनमें आग लगने का अधिक जोखिम होता है, उनके लिए नियमित रूप से फायर ऑडिट्स एवं संबंधित अभ्यास कराया जाना महत्वपूर्ण है।
भारत में आग लगने की दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बिजली के शॉर्ट सर्किट हैं, जो अक्सर खराब गुणवत्ता वाले तारों और केबलों के परिणामस्वरूप घटित होते हैं। आग लगने की स्थिति में आग से जलकर मरने वाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक लोग आग के चलते निकलने वाले धुएं से मरते हैं।
बिजली और आग की दुर्घटनाओं के कारण पैदा होने वाला धुआं वास्तविक आग की तुलना में बहुत अधिक खतरनाक होता है और इसके परिणाम ज्यादातर घातक होते हैं। एनसीआरबी की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में आग लगने की घटनाओं में औसतन 35 लोगों की मौत हुई है। ऐसा तब होता है जब उत्पाद की गुणवत्ता से समझौता किया जाता है।