सेहत के लिए लोग अब पहले से अधिक जागरूक, खर्च करने को भी तैयार 

मुंबई- कोविड-19 के साथ उपजी अनिश्चितता और चिंता ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर पहले से कहीं अधिक ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि 89 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य सलाह को उनके स्वास्थ्य बीमा में शामिल किया जाना चाहिए। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। 

आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस ने 19 प्रमुख शहरों में 6600 लोगों के साथ यह सर्वे किया है। कंपनी के सीईओ मयंक बथवाल ने कहा, लोग ऐसे रास्ते तलाश रहे हैं जो इस स्वस्थ जीवन शैली का समर्थन कर सकें, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। इसने उनके व्यवहार को कई तरह से प्रभावित किया है, इसमें उनकी तकनीक, आहार की निगरानी से लेकर नियमित व्यायाम पर गौर करना शामिल है। 

50 फीसदी उत्तरदाताओं ने ऑनलाइन फिटनेस वीडियो देखे, जबकि 69 फीसदी उत्तरदाताओं ने अपने स्वास्थ्य की जांच करने के लिए वियरेबल डिवाइस का उपयोग किया। हर तीन उत्तरदाताओं में से एक ने स्वीकार किया कि वे नियमित रूप से अपने वजन और ब्लडप्रेशर जैसे स्वास्थ्य की जांच नहीं कराते हैं। मेडिकल आपातकाल के लिए पैसों की व्यवस्था को लेकर लोग सोच रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ी है और अधिक लोग स्वास्थ्य बीमा में निवेश कर रहे हैं। 

बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस ने अपने दूसरे सर्वे में कहा, महामारी के बाद परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना शीर्ष लक्ष्य के रूप में उभरा है। 71% भारतीयों ने इसे अन्य लक्ष्यों के मुकाबले अधिक प्राथमिकता दी है। जीवन बीमा भारत के जीवन लक्ष्यों के लिए विश्वसनीय सहारा और सक्षमकर्ता बना हुआ है। कंपनी के एमडी तरुण चुघ ने कहा, 71% उत्तरदाताओं ने अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य माना है। 

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