अदाणी की कंपनी ने कहा, ऑडिट के लिए किसी की नियुक्ति नहीं हुई 

मुंबई- हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में दूसरे दिन भी सुधार रहा। कुल 10 में से 6 कंपनियों के शेयरों में तेजी रही, जबकि 4 में गिरावट रही। इसी के साथ कुल बाजार पूंजीकरण भी 8.64 लाख करोड़ रुपये पर रहा। हालांकि, रिपोर्ट आने से पहले 24 जनवरी को यह 19.20 लाख करोड़ रुपये था। 

अदाणी समूह ने बृहस्पतिवार को कहा, उसने ग्रांट थॉर्नटर्न को ऑडिट के लिए नियुक्त नहीं किया है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में समूह ने कहा, जो भी खबरें इसके संबंध में हैं, वे निराधार हैं। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को एक पत्र में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 अनुमानित रूप से उसका शुद्ध कर्ज 1.96 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। सकल कर्ज 2.27 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 

पिछले 15 कारोबारी सत्रों में अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 75 फीसदी तक की गिरावट आई है। अदाणी इंटरप्राइजेज 48 फीसदी टूटा है, जबकि टोटल गैस 75 फीसदी, ग्रीन एनर्जी 71 फीसदी, ट्रांसमिशन 65 फीसदी, पावर 51 फीसदी, एनडीटीवी 30 फीसदी, विल्मर 30 फीसदी टूटे हैं। एसीसी सीमेंट के शेयर 20 फीसदी और अंबुजा के शेयर 32 फीसदी गिरे हैं। 

उधर, अदाणी पावर डीबी पावर की खरीद से पीछे हट गई है। पिछले साल यह सौदा हुआ था। तब से अब तक चार बार इसकी तारीख बढ़ चुकी है और इस बार 15 फरवरी की तारीख थी। करीब 7,017 करोड़ रुपये में ये सौदा हुआ था। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से इस सौदे से पीछे हटने का फैसला किया है। 

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने गौतम अदाणी का बचाव करते हुए कहा कि अदाणी इंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत में 3,800 रुपये की वृद्धि गलत नहीं है। एक समाचार पत्र के कॉलम में उन्होंने लिखा, शेयर की कीमत में वृद्धि को भारत की आर्थिक नीति में मौलिक बदलाव से समझाया जा सकता है। 

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