ऑनलाइन गेमिंग पर दिसंबर में तय होगी जीएसटी दर, बदलेगी परिभाषा  

मुंबई- ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी दर पर फैसला लेने से पहले सरकार इसकी परिभाषा बदलेगी। केंद्र और राज्यों के जीएसटी अधिकारी ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के विशेषज्ञों के साथ मिलकर गेम्स ऑफ स्कील और गेम्स ऑफ चांस की परिभाषा पर काम कर रहे हैं, ताकि दोनों तरह के खेलों के लिए अलग टैक्सेशन ढांचा तैयार किया जा सके।

सूत्रों ने कहा कि ऑनलाइन गेम्स पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का पेचीदा मुद्दा पिछले एक साल से अधिक समय से विवाद का विषय बना हुआ है। कई राज्यों ने ऐसे ऑनलाइन गेम पर कम दर से टैक्स लगाने की मांग की है, जिनमें स्कील की जरूरत होती है। उनका कहना है कि गेम ऑफ स्किल को किस्मत आधारित खेल के समान नहीं माना जाना चाहिए।

इन खेलों की स्पष्ट परिभाषा के अभाव में कई बार ऑनलाइन गेम पोर्टलों को कर नोटिस भेजे जाते हैं और बाद में कानूनी विवाद शुरू हो जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी परिषद की विधायी समिति की शनिवार को बंगलूरू में हुई बैठक में गेम्स ऑफ चांस और गेम्स ऑफ स्किल की परिभाषा से संबंधित मुद्दों पर तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा की। लॉ कमिटी में सभी राज्यों के शामिल नहीं होने से परिभाषा संबंधी मसौदा रिपोर्ट सभी राज्यों के साथ साझा की जाएगी और उस पर उनकी राय मांगी जाएगी।

जीएसटी काउंसिल ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़सवारी जैसे खेलों पर कर के बारे में मंत्री समूह की रिपोर्ट पर दिसंबर के अंत में होने वाली बैठक में विचार करेगी। मंत्री समूह ने जून में सुझाव दिया था कि ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर 28% की दर से टैक्स लगाया जाना चाहिए। हालांकि उद्योग की मांग है कि गेम्स ऑफ स्कील पर कम दर से टैक्स लगाया जाए क्योंकि अधिक टैक्स होने पर पुरस्कार की राशि घटानी पड़ेगी। अभी गेम ऑफ चांस पर 28% की दर से जीएसटी लगता है।

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