बीमा में नई कंपनियों को आने में होगी आसानी, घट सकती है अनिवार्य पूंजी
मुंबई- बीमा क्षेत्र में नई कंपनियों को आने में आसानी हो सकती है। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने सरकार को सलाह दी है कि इस क्षेत्र में आने वाली कंपनी के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपये की अनिवार्य पूंजी को कम कर दिया जाए। इस रकम को तय करने का फैसला नियामक पर छोड़ दिया जाए। इस फैसले से छोटी और अच्छी कंपनियां इस क्षेत्र में आ सकरती हैं। इससे बीमा की जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इरडाई चेयरमैन देबाशीष पांडा ने यह बात कही।
पांडा ने कहा कि जिस तरह से बैंकिंग में छोटे संस्थान हैं, क्षेत्रीय बैंक हैं और स्मॉल फाइनेंस बैंक हैं, उसी तरह से बीमा में भी कंपनियों को मंजूरी दी जाएगी। छोटी कंपनियां छोटे इलाकों में अपने कारोबार कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में नियामक ही कंपनियों के आधार पर इसे तय कर सकता है। माइक्रो इंश्योरेंस कंपनी के लिए कुछ और रकम की अनिवार्यता हो जबकि क्षेत्रीय कंपनियों के लिए कुछ और रकम तय की जा सकती है।
पांडा ने कहा कि पूंजी की जरूरत में छूट से मोटर और संपत्तियों जैसे सेगमेंट के लिए विशेष लाइन बनाने में मदद मिलेगी। क्यों न हमारे कानून में उस तरह का ढांचा तैयार किया जाए जो न केवल सूक्ष्म, लघु, क्षेत्रीय कंपनियों आदि को बल्कि विशिष्ट उत्पादों की पूर्ति करने वालों को भी अनुमति देता हो।
पांडा ने यह भी कहा कि इरडाई बीमा सुगम पर काम कर रहा है, जो पॉलिसी की बिक्री, नवीनीकरण और दावों के निपटान सहित कई सेवाओं के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म प्रदान करके बीमा क्षेत्र में गेम चेंजर के रूप में कार्य करेगा। यह तकनीक आधारित पोर्टल देश भर के ग्राहकों को परेशानी मुक्त अनुभव सुनिश्चित करके देश में बीमा पैठ बढ़ाने में मदद करेगा।