छोटी बचत योजनाओं से ज्यादा हुई एफडी की ब्याज दर, अब 7.5 पर्सेंट ब्याज
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मई से अब तक 4 बार ब्याज दरें बढ़ाने से भले ही कर्ज लेनेवालों की किस्त में दो फीसदी का इजाफा हुआ है, लेकिन दूसरी ओर बैंक में पैसा जमा करने वालों को इसका अच्छा फायदा मिला है। इस वजह से एफडी की ब्याज दरें अब सरकार की छोटी बचत योजनाओं से ज्यादा हो चुकी हैं। हाल में कुछ बैंकों ने अपनी विशेष जमा योजनाओं पर 7.75 फीसदी तक ब्याज देने की घोषणा की है।
छोटी बचत योजनाओं की बात करें तो सबसे ज्यादा 7.6 फीसदी ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलता है। साथ ही इन योजनाओं पर लंबे समय की लॉकइन अवधि भी होती है। जबकि एफडी में आप छोटे समय से लेकर लंबे समय तक पैसा जमा कर सकते हैं। बैंक जिन एफडी पर ज्यादा ब्याज दे रहे हैं, वह काफी सीमित समय के लिए ही है। सामान्य एफडी पर बहुत ज्यादा ब्याज नहीं बढ़ा है।
बैंकरों का मानना है कि तरलता की स्थिति में सुधार होगा। हालांकि, अगर इसी तरह से बैंकों की उधारी में वृद्धि होती रही तो तीसरी तिमाही में वे सामान्य एफडी पर भी ब्याज बढ़ाएंगे। क्योंकि उधारी देने के लिए उनको पैसे की जरूरत पड़ेगी।
आंकड़े बताते हैं कि सितंबर, 2021 में सरकारी बैंक एफडी पर औसत ब्याज 5.14 फीसदी दे रहे थे जो सितंबर, 2022 में 5.41 फीसदी हो गई है। निजी क्षेत्र के बैंकों की दर इसी दौरान 5.27 फीसदी से बढ़कर 5.48 फीसदी हो गई है। हालांकि कई सारे बैंक इस समय ऐसे हैं जो सामान्य एफडी पर भी 6 फीसदी से ऊपर ब्याज दे रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष में बैंकों की उधारी में भारी तेजी रही है। सितंबर में उधारी की वृद्धि दर 16 फीसदी से ऊपर रही है जबकि जमा की वृद्धि दर 10 फीसदी रही है। ऐसे में बैंक जमाकर्ताओँ को आकर्षित करने के लिए एफडी पर ब्याज बढ़ा रहे हैं। चालू वित्तवर्ष में बैंकों की उधारी 9.7 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है जबकि जमा केवल 8 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है।
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज | विशेष एफडी पर ब्याज |
किसान विकास पत्र- 7 पर्सेंट | बैंक ऑफ इंडिया -7.25 पर्सेंट |
पीपीएफ -7.1 पर्सेंट | बैंक ऑफ बड़ौदा -6.75 पर्सेंट |
वरिष्ठ नागरिक बचत – 7.6 पर्सेंट | केनरा बैंक -7.00 पर्सेंट |
डाकघर टाइम डिपॉजिट -5.8 पर्सेंट | आईडीबीआई बैंक -6.9 पर्सेंट |
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र -6.8 पर्सेंट | आरबीएल बैंक- 7.25 पर्सेंट |