संस्थानों से सेबी नहीं कर पाया 67,228 करोड़ रुपये की बकाया वसूली 

मुंबई- पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि 67,228 करोड़ रुपये की बकाया वसूली में मुश्किल दिख रही है। इसलिए इस रकम को अब अलग कर दिया गया है। 2021-22 की सालाना रिपोर्ट में नियामक ने कहा कि उसे 96,609 करोड़ रुपये का बकाया उन संस्थाओं से वसूलने की जरूरत है, जो उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किए। बाजार की निगरानी के कारण शुल्क का भुगतान करने में ये संस्थान विफल रहे और निवेशकों के पैसे वापस करने के निर्देश का पालन नहीं किया। 

मुश्किल से वसूली के बारे में सेबी ने कहा कि यह वह बकाया है जो वसूली के सभी तरीकों के बाद भी वसूल नहीं किया जा सका। इसने स्पष्ट किया कि इस तरह के बकाया को अलग करना एक प्रशासनिक अधिनियम है और अगर किसी पैरामीटर में कोई बदलाव होता है तो अधिकारियों को इस राशि की वसूली से नहीं रोकेगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, 96,609 करोड़ में से 63,206 करोड़ (कुल रकम का 65 फीसदी) सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) से संबंधित है। यह रकम पीएसीएल लिमिटेड और सहारा समूह की कंपनी – सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सार्वजनिक निर्गमों से संबंधित है। साथ ही, 68,109 करोड़ रुपये, जो कुल बकाया का 70 फीसदी है, विभिन्न अदालतों और अदालत द्वारा नियुक्त समितियों के समक्ष समानांतर कार्यवाही के अधीन है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 के दौरान जांच के लिए प्रतिभूति कानून के उल्लंघन से संबंधित 59 नए मामलों थे जो पिछले वित्तीय वर्ष के 94 मामलों से काफी कम है। कुल 59 में से 38 मामले बाजार में हेरफेर और कीमतों में हेराफेरी से संबंधित थे। इनसाइडर ट्रेडिंग (भेदिया कारोबार) के 17 मामले और बाकी चार प्रतिभूति कानून के अन्य उल्लंघनों से संबंधित थे। 2021-22 में कुल 169 मामलों की जांच पूरी की गई। जबकि 2019-20 में 94 नए मामले मिले थे और 140 की जांच पूरी की गई थी। 

वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच का उद्देश्य सबूत इकट्ठा करना और अनियमितताओं और उल्लंघनों के पीछे व्यक्तियों / संस्थाओं की पहचान करना है ताकि जहां भी आवश्यक हो, उचित और उपयुक्त नियामक कार्रवाई की जा सके। सेबी ने बैंक रिकॉर्ड जैसे खाते और केवाईसी विवरण, फर्म के बारे में जानकारी, कॉल डेटा रिकॉर्ड और जांच प्रक्रिया के दौरान बाजार के मध्यस्थों से प्राप्त जानकारी का भी विश्लेषण किया। 

जांच पूरी होने के बाद सेबी ने कह कि जहां भी प्रतिभूति कानूनों और प्रतिभूति बाजार से संबंधित दायित्वों का उल्लंघन मिला वहां दंडात्मक कार्रवाई शुरू की गई थी। 2021-22 के दौरान नियामक ने 176 मामलों में प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की जबकि 226 मामलों का निपटारा किया। मार्च 2022 के अंत तक 426 मामले कार्रवाई के लिए लंबित थे। 

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