अपराधियों के खिलाफ चल सकता है मुकदमा, सेबी की तैयारी
नई दिल्ली। सेबी बाजार में गलत काम करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने की तैयारी के लिए नियमों को कड़ा करने पर विचार कर रहा है। सरकार के साथ इसकी बात हो रही है। इसके लिए सेबी अधिनियम में संशोधन की जरूरत होगी।
वर्तमान में एक दीवानी अदालत के बराबर सेबी के पास शक्ति दी गई है। इसके आधार पर ही यह गलत कामों में लिप्त लोगों के खिलाफ जुर्माना का आदेश जारी करता है। अगर वह किसी अपराधी के खिलाफ मुकदमा शुरू करना चाहता है तो उसे नियमित अदालतों का सहारा लेना होता है।
नए नियम के तहत कुछ अपराधों में मुकदमा चलाने को अनिवार्य बनाया जा सकता है। सेबी का मानना है कि कुछ उल्लंघन ऐसे होते हैं जो केवल दंड से ही हल नहीं हो सकते हैं। उनके लिए अपराधी को कड़ी सजा देने की जरूरत है। सभी विकसित देशों में भेदिया कारोबार जैसे मामलों में मुकदमा चलाया जाता है। लेकिन सेबी इसका बहुत कम उपयोग करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नियमित अदालतों में समय काफी लगता है।
सेबी अगर विशेष अदालत बनाती है तो इसमें तुरंत मामला सुलझ जाएगा। मुंबई सत्र अदालत में सेबी की एक विशेष पीठ है जो मामलों की सुनवाई करती है। अगर अभियोजन बढ़ता है तो ऐसी कई पीठ की जरूरत होगी। वित्त वर्ष 2011 में सेबी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 1,763 मामिलों में कार्यवाही शुरू की थी। इसमें से तीन में अभियोजन शुरू हुआ था। 2020 में 2,070 मामलों में कार्यवाही शुरू हुई है और केवल 10 में अभियोजन चालू हुआ।

