डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये 100 लाख करोड़ की परियोजनाओं को मिलेगी गति 

मुंबई- केंद्र सरकार एक ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म को बनाने पर काम कर रही है, जिसके जरिये 100 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना को रफ्तार मिल सकती है। यह पोर्टल निवेशकों और कंपनियों को परियोजना के डिजाइन, आसान मंजूरी और लागत के आसान अनुमान के लिए वन स्टॉप सोल्यूशन प्रदान करेगा।  

दरअसल, देश में सभी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से आधे देरी से चल रहे हैं। हर चार में से एक परियोजना का बजट उसके तय बजट से ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए इस बारहमासी समस्याओं के समाधान के लिए 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाले प्लेटफॉर्म की तैयारी हो रही है। इसमें सबसे बड़ी बात यह होगी कि फोन केबल या गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए नई सड़क को फिर से न खोदा जाए। 

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में लॉजिस्टिक्स के विशेष सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि हमारा मिशन समय के अंदर और लागत में वृद्धि के बिना परियोजनाओं को लागू या पूरा करना है। वैश्विक कंपनियां भारत में इसलिए भरोसा जता रही हैं और हमें इस उद्देश्य को हासिल करना है। 

उन्होंने कहा कि अभी चीन दुनिया भर की कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वहां की कंपनियां चीन प्लस वन प्लस की नीति अपना रही हैं। अगर हम भी अपने प्रोजेक्ट्स में तेजी लाते हैं तो इससे अन्य देशों को अपने कारोबार और आपूर्ति में विविधता लाने में मदद मिलेगी। 

जानकारों का मानना है कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने का एकमात्र तरीका है कि हम लागत जितना कम हो, उतना कम रखें। गति शक्ति से देश के कोने-कोने में सामग्री की आवाजाही में सुविधा होगी। मीणा ने कहा कि गति शक्ति पोर्टल की देख रेख वाली 1,300 परियोजनाओं में से 40 फीसदी भूमि अधिग्रहण, वन और पर्यावरण मंजूरी से संबंधित मुद्दों के कारण देरी हो गई हैं। इससे लागत बढ़ गई है। 200 प्रोजेक्ट की समस्याओं को हल किया जा चुका है। 

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