त्योहार में बैंकों के जमा में आ सकती है गिरावट, जमा पर मिलेगा ज्यादा ब्याज 

मुंबई- आने वाले त्योहारी मौसम में भारतीय बैंकों को जमा में कमी का सामना करना पड़ सकता है। पहले से ही नकदी की तंगी और बढ़ते कर्ज के बीच इन बैंकों को कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। त्योहारों में अचानक बैंकों से ज्यादा रकम निकलती है क्योंकि बड़े पैमाने पर ग्राहक इस दौरान खरीदी करते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में 40 महीनों में पहली बार भारतीय बैंकिंग सिस्टम में तरलता की कमी आई है।  

ब्रोकरेज हाउस मैक्वायरी में वित्तीय अनुसंधान के प्रमुख सुरेश गणपति ने कहा, हमें लगता है कि जमा और कर्ज में वृद्धि के बीच बैंकों को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि जमा की वृद्धि दर केवल 9.5 फीसदी है और कर्ज की वृद्धि 15.5 फीसदी से ऊपर है। 

रिपोर्ट के अनुसार, त्योहारी मौसम में जैसे-जैसे तेजी आएगी, तरलता और भी कम होती जाएगी। इसके अलावा इस दौरान लोग बहुत अधिक नकदी भी रखते हैं। इससे तरलता और घटेगी। एलएंडटी फाइनेंशियल की मुख्य अर्थशास्त्री रूपा रेगे निस्तुरे ने कहा कि सिस्टम में अतिरिक्त तरलता के कारण बैंक जमा दरों को बढ़ाने में पीछे हो गए हैं। हालांकि उधारी पर ब्याज तुरंत बढ़ गई। इसलिए बैंकों को अब जमा पर ब्याज बढ़ाना होगा। बैंक थोक जमाओं पर ज्यादा निर्भर रहते हैं और यह उनके लिए खराब है। 

बैंको का मानना है कि विकास को समर्थन देने के लिए धन केवल कर्ज से नहीं जुटाया जा सकता है। इसलिए आने वाले महीनों में और अधिक आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ानी होगी। एसबीआई फिलहाल एक से दो साल की जमा पर 5.45 फीसदी ब्याज दे रहा है। जबकि थोक जमा पर यह 6 फीसदी है। एक अधिकारी ने कहा, आमतौर पर दूसरी छमाही में कर्ज की मांग बढ़ जाती है और ऐसे में हमें उम्मीद है कि जमा पर भी ब्याज बढ़ाना होगा। 

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