होम लोन लेने में गांवों की महिलाएं आगे, छोटे जिलों में ज्यादा कर्ज
मुंबई- सरकार की स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना से गांवों की महिलाओं का सशक्तिकरण तेजी से हो रहा है। छोटे जिलों से होम लोन लेने में महिलाएं आगे आ रही हैं। एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली बार 16 फीसदी महिलाओं ने होम लोन लिया है। कुछ जिलों में तो होम लोन लेनेवाली महिलाओं की संख्या 80 फीसदी के पार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तवर्ष 2022 में तीसरे और चौथे स्तर के शहरों में नए लोन की वृद्धि दर 36 फीसदी रही जो वित्तवर्ष 2019 में 33 फीसदी थी। छोटे जिलों में होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। देश के शीर्ष 20 जिलों में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या छोटे शहरों में ही रही है। इसमें से 6 जिले छत्तीसगढ़ के और 3-3 जिले गुजरात और हरियाणा के हैं। यहां कुल आबादी में महिलाओं की आबादी औसत 49 फीसदी है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्तवर्ष 2022 में होम लोन का पोर्टफोलियो 10 फीसदी की दर से बढ़ा था। इसमें से तीसरे और चौथे स्तर के शहरों की वृद्धि दर पहले और दूसरे स्तर के शहरों से काफी ज्यादा रही। इसी तरह से मकानों की कीमतें भी पिछले साल तीसरे और चौथे स्तर के शहरों में ही ज्यादा बढ़ी थीं।
चौथे स्तर के जिलों में कर्ज में सबसे ज्यादा बढ़त उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में रही है। इसमें इटावा, बाराबंकी, पीलीभीत, चंदौली, मिर्जापुर और अमरोहा हैं। तीसरे स्तर के जिलों में 30-50 लाख रुपये और 50 लाख से एक करोड़ रुपये के कर्ज की ज्यादा मांग रहती है। हालांकि नए होम लोन में वित्तवर्ष 2019 की तुलना में 2022 में सबसे ज्यादा वृद्धि पंजाब, हरियाणा के जिलों में रही है।
पंजाब के बरनाला, फरीदकोट, कपूरथला और साहिबजादा अजीत सिंह नगर इसमें शामिल हैं। जबकि हरियाणा के हिसार और रोहतक शामिल हैं। देश का होम लोन का बाजार 24 लाख करोड़ रुपये का है अगले पांच साल में इसके दोगुना होकर 48 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।