इंडियन ऑयल को डीजल पर 14 और पेट्रोल पर 10 रुपए लीटर का घाटा
मुंबई- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पेट्रोल और डीजल 10 रुपए और 14 रुपए प्रति लीटर के नुकसान पर बेचा। इस कारण 2 साल में पहली बार IOC ने तिमाही घाटा दर्ज किया है।
IOC ने अप्रैल-जून में 1,992.53 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में शु्द्ध फायदा 5,941 करोड़ रुपए और जनवरी-मार्च तिमाही में 6,021 करोड़ रुपए था। ऐसे में आने वाले दिनों में कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती है।
सरकारी तेल कंपनियां IOC, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (HPCL) ने पिछले साल उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले ईंधन की दर में सुधार करना बंद कर दिया था। करीब 137 दिन बाद मार्च-अप्रैल में कुल 14 बार दाम बढ़ाए गए।
कुल मिलाकर इस दौरान दामों में 10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई। हालांकि उसके बाद मई में सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल पर 8 और डीजल पर 6 रुपए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। इससे पेट्रोल के दाम 9.5 रुपए और डीजल 7 रुपए सस्ता हो गया था। सरकार ने बीते 365 दिनों में पेट्रोल के दाम 78 बार बढ़ाए और केवल 7 बार घटाए हैं। वहीं डीजल के दाम 76 बार बढ़ाए गए हैं और 10 बार इसमें कटौती गई है।
अप्रैल-जून में भारत में कच्चे तेल का आयात औसतन 109 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर था, लेकिन रिटेल पंप की पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग 85-86 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से थीं। इससे कंपनियों को नुकसान हुआ। सरकार ने कहा है कि तेल कंपनियां खुदरा कीमतों में संशोधन करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि तीनों सरकारी तेल कंपनियों ने दरों को फ्रीज करने के कारणों के बारे में जानकारी नहीं दी है।