कर्ज की मांग बढ़ने से जमा पर मिल सकता है ज्यादा ब्याज
नई दिल्ली। देश में कर्ज की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह तीन साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार से आगे इसमें और तेजी की उम्मीद है। ऐसे में बैंक पैसों की जरूरत के लिए जमा पर ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। दरअसल, जमा पर मिल रहे कम ब्याज से बैंकों के पास पैसों की कमी हो रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं कि जमाकर्ता शेयर्स और म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, जहां उन्हें ज्यादा रिटर्न मिल रहा है।
एचडीएफसी बैंक ने हाल में जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अप्रवासी भारतीयों यानी एनआरआई के जमा पर ब्याज बढ़ा दिया है। आने वाले समय में और भी बैंक ऐसी योजना बना सकते हैं। हालांकि बैंकों के पास पर्याप्त पैसे थे, लेकिन आरबीआई द्वारा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को मई में बढ़ाने से 87,000 करोड़ रुपये उसके पास चले गए। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने पिछले हफ्ते कहा कि बैंक आक्रामक तरीके से जमा पर ब्याज बढ़ा सकते हैं।
देश में बैंकों के जमा की वृद्धि दर अभी 9.8 फीसदी है जो 14 महीने से 10 फीसदी से नीचे है। जबकि उधारी की वृद्धि दर एक जुलाई के पखवाड़े में 14.4 फीसदी थी। 2021 में रिकॉर्ड 5.6 फीसदी के निचले स्तर से इसमें करीब तीन गुना की बढ़त हुई है। खुदरा कर्ज जिसमें पर्सनल, हाउसिंग, ऑटो वाले कर्ज होते हैं, वे तेजी से बढ़ रहे हैं। बैंकों का फोकस भी इसी पर होता है क्योंकि इसमें पैसे डूबने का औसत कम रहता है।