देश में गेहूं की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची, लू से प्रभावित हो रही फसल
मुंबई। भारी मांग और लू से नुकसान हुई फसल की आपूर्ति में कमी से भारतीय गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। सरकार ने कीमतों को काबू में रखने के लिए गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, उसका भी कोई असर नहीं हुआ।
स्थानीय गेहूं की कीमतें बुधवार को 23,547 रुपये टन पर पहुंच गई हैं। 14 मई को निर्यात पर प्रतिबंध के बाद से कीमतों में 12 फीसदी की तेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर किसानों ने अपनी फसल को बेच दी है। इसलिए आगे गेहूं की आपूर्ति मुश्किल होगी। जबकि मांग में तेजी बनी हुई है।
कारोबारियों के अनुसार, इस साल अनाज मंडियों में आपूर्ति सामान्य से काफी कम थी। इससे पता चलता है कि 2022 का उत्पादन सरकार के अनुमान से कम है। सरकार ने 10.6 करोड़ टन की पैदावार का अनुमान लगाया था, जबकि 9.5 करोड़ टन के पैदावार की उम्मीद है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पाद देश है। 2021 में 10.9 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।
सरकार का मानना है कि लू के कारण फसलों पर असर हुआ है। इसके लिए उसने पिछले साल की तुलना में इस साल 57 फीसदी कम खरीदी की है। व्यापारियों का कहना है कि मार्च, 2023 में नई फसल के आने तक सरकार के पास बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए बहुत कम भंडार होगा।