सिंगल उपयोग वाली प्लास्टिक पर एक लाख का जुर्माना
मुंबई-राजधानी दिल्ली में एक जुलाई यानी शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 तरह के उत्पाद बैन हो गए हैं। दिल्ली के विक्रेता और खरीदार अब इन प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे। बैन के बावजूद इन उत्पादों का इस्तेमाल करने पर जुर्माने का प्रावधान है।
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के अनुसार, सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों पर बैन का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का फाइन लग सकता है या पांच साल की जेल भी हो सकती है। पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की जा सकती है। गोपाल राय दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं।
प्रतिबंध उत्पादों में प्लास्टिक की डंडियों वाले ईयर बड, बलून स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, लॉलीपॉप की डंडी, आइसक्रीम की डंडी, थर्माकोल के सजावटी सामान, प्लेट्स, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं। इन वस्तुओं का इस्तेमाल करने पर अब जुर्माना का प्रावधान है।
एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा।
ऐसे लोगों पर 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर पांच साल की जेल या दोनों सजाएं भी दी जा सकती है। इसके अलावा उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जुड़े उद्योगों को बंद करने जैसी कार्रवाई का भी प्रावधान है।

