नावी टेक्नोलॉजी लाएगी 4 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ, इसी हफ्ते फाइल करेगी पेपर
मुंबई- सचिन बंसल की नावी टेक्नोलॉजीज आईपीओ से 4000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कपनी इस हफ्ते सेबो को ड्राफ्ट पेपर्स भेज देगी। कंपनी जून में अपना आईपीओ पेश कर सकती है। कंपनी में सचिन बंसल की 97 फीसदी हिस्सेदारी है। इस इश्यू में कंपनी नए शेयर जारी करेगी। इसका मतलब है कि मौजूदा इनवेस्टर्स कंपनी में अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे।
नावी को करेंट लोन बुक करीब 3,600 करोड़ रुपए है। इसमें होम लोन, पर्सनल लोन और माइक्रोफाइनेंस लोन शामिल हैं। पर्सनल लोन सेगमेंट में कंपनी की ग्रोथ शानदार रही है। अब कंपनी होम लोन बिजनेस के विस्तार पर फोकस करना चाहती है।
सचिन बंसल ने 2007 में फ्लिपकार्ट शुरू किया था। 2018 में उन्होंने इसे वॉलमार्ट को बेच दिया था। वॉलमार्ट अमेरिकी की बड़ी रिटेलिंग कंपनी है।
नावी टेक्नोलॉजीज में अंकित अग्रवाल और परेश सुखथनकर की भी बड़ी हिस्सेदारी है। अंकित नावी के को-फाउंडर हैं। वह कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी भी हैं। सुखथनकर एचडीएफसी बैंक के पूर्व डिप्टी प्रबंध निदेशक हैं। बंसल ने नावी में 4,000 करोड़ रुपए निवेश किया था। अनुमान है कि आईपीओ के बाद भी कंपनी में उनकी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी बनी रहेगी।
कंपनी ने पर्सनल लोन बिजनेस में अच्छी ग्रोथ हासिल की है। उसने बिजनेस का विस्तार करने की योजना बनाई है। कंपनी अपने माइक्रोफाइनेंस बिजनेस को भी बढ़ाना चाहती है। चैतन्य क्रेडिट उसकी माइक्रो फाइनेंस इकाई है। नावी ने 2019 में इसका अधिग्रहण किया था। नावी के एक्टिव ग्राहकों की संख्या करीब 30 लाख है। इसने फरवरी में करीब 500 करोड़ रुपये को लोन दिया है। अभी नावी के बिजनेस में पर्सनल और होम लोन प्लेटफॉर्म, म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म, हेल्थ इश्योरेंस और माइक्रो फाइनेंस बिजनेस शामिल हैं।