चित्रा रामकृष्णा को आनंद चितसोम कहकर बुलाते थे, गजब की कहानी   

मुंबई- सेबी के 190 पेज के आदेश के बाद चित्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इनकम टैक्स छापा पड़ने के बाद अब वो और बुरे तरीके से घिरी हैं। आश्चर्य यह है कि यह छापा तब पड़ा, जब बुधवार को एनएसई के अधिकारियों ने वित्तमंत्रालय से मुलाकात की थी। 

चित्रा बाबा को शिरोमणी बुलाती थी और बाबा उन्हें चितसोम बुलाते थे। रामकृष्ण के अनुसार यह अज्ञात व्यक्ति या योगी कथित रूप से एक आध्यात्मिक शक्ति थी, जो अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकती थी। सेबी ने अपने 190 पन्नों के आदेश में पाया कि बाबा ने उन्हें सुब्रमण्यम को नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया।  

रामकृष्ण कई वर्षों से अपने महत्वपूर्ण कारोबारी फैसलों में एक बाबा से सलाह ले रही थीं। एक ऐसा बाबा (योगी), जो हिमालय में रहता था और तीन वेदों के नाम वाली एक मेल आईडी का इस्तेमाल करता था। यह बाबा मेल पर रामकृष्ण को निर्देश देता था और फैसले हो जाते थे। खास बात यह है कि रामकृष्ण इस योगी से कभी मिली ही नहीं, लेकिन वह करीब 20 वर्षों से इस योगी से मेल पर बातचीत कर रही थीं। 

इस मामले में कार्रवाई करते हुए सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपए, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, नारायण और No suggestions पर दो-दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा एनएसई को कोई भी नया प्रोडक्ट पेश करने से छह महीने के लिये रोक दिया। इससे पहले को-लोकेशन के मामले में सेबी ने मई 2019 में एनएसई पर 625 करोड़ रुपए का फाइन लगाया था। साथ ही इसे 6 महीने तक पैसा जुटाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले पिछले साल सेबी ने को-लोकेशन के मामले में NSE, इसके पूर्व MD और पूर्व CEO पर 1.50 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी।  

सेबी ने तब 96 पेज के ऑर्डर में कहा कि उसने जनवरी से अगस्त 2015 के दौरान ढेर सारी शिकायतें पाई थीं। यह शिकायत केन फोंग ने की थी। शिकायत को-लोकेशन सुविधा को लेकर थी। को-लोकेशन का मतलब एक-एक ब्रोकर को कुछ सेकेंड पहले कारोबार की सुविधा देने से है। जबकि कुछ लोगों को यही सुविधा कुछ सेकेंड बाद में मिलती थी। 

सेबी ने कहा कि कुछ लोगों को को-लोकेशन सुविधा देकर NSE ने 2010-11 के दौरान 624 करोड़ रुपए का फायदा कमाया। इससे पहले सेबी ने पिछले साल अगस्त में ही चित्रा रामकृष्णा को दिए गए कंपेनसेशन के मामले में 50 लाख रुपए की पेनाल्टी एनएसई पर लगाई थी। एनएसई पिछले पांच साल से अपना आईपीओ लाने की कोशिश कर रही है। इसके जरिए वह 10 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है, पर सेबी की ओर से इसकी मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है।  

एक्सचेंज ने रामकृष्णा को 44 करोड़ रुपए तीन साल की सैलरी के रूप में दिया था। जबकि बाद में 8 महीने के लिए 23 करोड़ रुपए का पेमेंट दिया था। सेबी ने वित्त मंत्रालय से एक पत्र मिलने के बाद इस मामले में पेनाल्टी लगाई थी। सितंबर में भी सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 6 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना एनएसई द्वारा 6 कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने के मामले में लगाया गया था। 

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