क्रिप्टोकरेंसी से हो सकता है खतरा, रिजर्व बैंक ने दी चेतावनी
मुंबई- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर निवेशकों को भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी से पैदा होने वाले जोखिमों को लेकर आगाह किया है। मॉनिटरी पॉलिसी के ऐलान के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के खतरा हैं।
RBI गवर्नर ने निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि जो निवेशक जोखिम उठाकर इन एसेट्स में पैसे निवेश कर रहे हैं, उन्हें इसके जोखिमों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी या फिर आप इसे जिस भी नाम से पुकारते हैं, इसे लेकर RBI का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। यह हमारी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि ये क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता और अर्थव्यवस्था के दूसरे अहम मुद्दों से निपटने में आरबीआई की क्षमता को कमजोर करेंगी। निवेशकों को सावधान करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे अगर क्रिप्टोकरेंसी में जो पैसा निवेश कर रहे हैं, उन्हें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर इसमें निवेश कर रहे हैं। ऐसी संपत्तियों को समर्थन करने के लिए कोई अंडरलाइट एसेट्स नहीं होती है।
दास ने कहा कि जिन संपत्तियों के सपोर्ट में कोई अंडरलाइंग एसेट्स नहीं होती हैं, वे कभी भी भरभराकर गिर सकती हैं और निवेशकों को अपनी जमा-पूंजी हमेशा के लिए खोनी पड़ सकती है। शक्तिकांत दास ने अपने इस बयान के जरिए सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि क्रिप्टो को मान्यता देने और निवेशकों को अपनी मेहनत की कमाई को इन एसेट्स् में लगाने की इजाजत देने में सावधानी बरतने की जरूरत है।
बता दें कि सरकार सरकार ने बजट में बिटकॉइन और एथेरियम जैसी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही बायर्स को ऐसी किसी भी एसेट्स के खरीद, बिक्री या किसी भी तरह के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी का टीडीएस भी देना होगा। सरकार के इस कदम को क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा था।
बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी की डिजिटल संपत्ति लॉन्च करेगा। डिजिटल रुपी बिल्कुल फिजिकल रुपी की तरह ही होगी। दोनों की वैल्यू बराबर होगी। यानी आपको एक फिजिकल करेंसी के बदले एक डिजिटल करेंसी ही मिलेगी। दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि जहां फिजिकल करेंसी को आप छू सकते हैं, वहीं डिजिटल करेंसी आपके सेल फोन डिवाइस में रहेगी।