महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड की मल्टीकैप स्कीम ने दिया 54%का फायदा   

मुंबई- शेयर बाजार की तुलना में म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने एक साल में करीबन ढाई गुना ज्यादा का रिटर्न दिया है। BSE सेंसेक्स ने एक साल में केवल 21% का रिटर्न दिया है। जबकि कुछ ऐसी स्कीम्स हैं जिनमें 100 रुपए का निवेश एक साल में 154 रुपए हो गया, यानी 54% का मुनाफा।  

आंकड़ों के मुताबिक, 28 जनवरी 2022 तक महिंद्रा मैनुलाइफ मल्टीकैप बढ़त योजना ने एक साल में 54.11% का मुनाफा निवेशकों को दिया है। 2 साल में इसने 33.6% और तीन साल में 29.1% का रिटर्न दिया है। रैंकिंग के मामले में यह स्कीम एक, दो और तीन साल के समय में दूसरे नंबर पर रही है। इस प्रदर्शन पर महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड की इन हाउस इक्विटी चुनने की प्रक्रिया का पता चलता है, जिसे ग्रोथ, कैश फ्लो जनरेशन, मैनेजमेंट और वैल्यूएशन (GCMV) के पैमाने पर आंका जाता है।  

दरअसल मल्टीकैप स्कीम में आप एक फंड के जरिए कई मार्केट कैप में निवेश कर सकते हैं। इसमें लार्ज, मिड और स्माल कैप शामिल होते हैं। मल्टीकैप फंड कम से कम तीनों सेगमेंट में 25-25% का निवेश करते हैं। साथ ही ये विविधीकरण की भी सुविधा देते हैं।  

इसी अवधि में अगर बड़ौदा मल्टीकैप का रिटर्न देखें तो इसने एक साल में 45.93%, दो साल में 30.08% और तीन साल में 24.44% का फायदा दिया है। इन्वेस्को इंडिया मल्टीकैप की स्कीम ने इसी दौरान एक साल में 37.86% का मुनाफा दिया जबकि दो साल में 25.96% और तीन साल में 22.80% का रिटर्न दिया है। 

मनीज वर्थ फिनसर्व के पार्टनर गितेश कुलकर्णी कहते हैं कि मल्टी कैप फंड्स निवेशकों के लिए एक अच्छा पोर्टफोलियो होता है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव में जोखिम को कम करने में मदद करता है। साथ ही तमाम असेट क्लासेस में अवसरों से फायदा देता है। महिंद्रा मैनुलाइफ मल्टीकैप बढ़त योजना की रणनीति ग्रोथ और वैल्यू इन्वेस्टिंग की होती है।  

निवेशक इस स्कीम में SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं जो एक छोटी सी रकम से शुरू हो सकती है। जो निवेशक इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम में निवेश और विविधीकरण चाहते हैं, वे म्यूचुअल फंड की मल्टीकैप स्कीम को चुन सकते हैं।  

मल्टीकैप कैटेगरी स्कीम सभी तीनों मार्केट कैप में निवेश के अनुशासन का पालन करती है। यह सभी इक्विटी मार्केट को कैप्चर करती है। यह डायनॉमिक असेट अलोकेशन का नजरिया अपनाती है और यह सभी तमाम असेट क्लासेस में अलोकेशन करती है। इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलती है।  

सरकार का फोकस लगातार मैन्युफैक्चरिंग वाले ग्रोथ पर होता है और इसमें प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और आत्मनिर्भर भारत एजेंडा सभी सेक्टर्स में लागू होते हैं। आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ेगी और इससे रोजगार का निर्माण होगा। 

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