भारत को मिली 27.37 अरब डॉलर की FDI के रूप में रकम

मुंबई- वैश्विक अर्थव्यवस्था की दुनिया में भारत ने एक अच्छा मुकाम हासिल किया है। महामारी के बावजूद देश ने 2021-22 में 27.37 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) हासिल किया है। पिछले वर्ष 16.92 बिलियन डॉलर की तुलना में यह 62% अधिक था।  

अभी तक भारत की GDP 3 ट्रिलियन डॉलर से कम है। अगर इसे चार साल में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना है, तो अर्थव्यवस्था को सालाना औसतन 13% से अधिक बढ़ना होगा। भारत में हो रहे घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए और साथ ही कोविड महामारी के झटके के कारण इसे 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंचने में 3 से 4 साल और लग सकते हैं। IMF ने इस वित्त वर्ष में भारत के लिए 9.5% GDP की वृद्धि का अनुमान लगाया है। इसने कहा है कि इसके बाद अगले वर्ष 8.5% की वृद्धि होगी।  

हालांकि, देश इस साल फ्रांस और फिर 2023 में ब्रिटेन से आगे निकलकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म CEBR के अनुसार दुनिया की GDP पहली बार 100 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होगी। अमेरिका को नंबर 1 अर्थव्यवस्था के रूप में पीछे छोड़ने में चीन को पहले की तुलना में थोड़ा अधिक समय लगेगा। इस दौरान भारत का लक्ष्य कम से कम लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का है।  

CEBR (सेंटर फॉर बिजनेस एंड इकोनॉमिक रिसर्च) ने भविष्यवाणी की है कि चीन दो साल बाद 2030 में डॉलर के मामले में दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बन जाएगा। CEBR ने यह भी कहा कि 2030 के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि विश्व अर्थव्यवस्थाएं महंगाई से कैसे निपटती हैं, जो फिलहाल अमेरिका में 6.8% तक पहुंच गई है। 

CEBR रिपोर्ट से पता चलता है कि जर्मनी 2033 में आर्थिक उत्पादन के मामले में जापान से आगे निकलने की राह पर है। रूस 2036 तक टॉप 10 इकोनॉमी बन सकता है। इंडोनेशिया 2034 में नौवां स्थान पाने की राह पर है। कोविड महामारी के कारण हुई मंदी से इसकी बहुत कम संभावना है कि भारत 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।  

2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और ग्लोबल पावर हाउस बनाने की कल्पना की थी। भले ही सब कुछ रिजर्व बैंक (RBI) और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के अनुमानों के अनुसार हो, फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था 2019 की तुलना में अगले कुछ सालों तक उससे कम ही रहने वाली है। 

अर्नेस्ट एंड यंग इंडिया (EY) के अनुमान के मुताबिक, 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लगभग 3-4 साल पीछे हो सकता है। सबसे खराब स्थिति में यह 2029-30 तक इस लक्ष्य को हासिल कर सकता है। हालांकि, IMF के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, भारत चीन से आगे निकलने और 2021-22 से शुरू होने वाले अगले पांच वर्षों के लिए ग्लोबल लीडर बनने की ओर अग्रसर है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *