होम लोन से कैसे बचाएंगे टैक्स और कितना, जानिए यहां पर

मुंबई- होम लोन टैक्स बचाने का सबसे अच्छा साधन साबित हो सकता है। टैक्स सेविंग के अलावा, आपका होम लोन सबसे कम ब्याज दर पर एक अच्छी खासी संपत्ति बनाने में भी मदद करता है।  

टैक्स सेविंग के रास्तों की अपनी कई सीमाएं हैं। यह तभी सबसे अच्छी सेविंग प्रदान करता है जब आप इसे स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करते हैं। आप इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत हर साल 1.5 लाख रुपए तक के होम लोन के प्रिंसिपल के रीपेमेंट पर टैक्स बचा सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने के लिए कई अन्य विकल्प भी हैं। इनमें ईपीएफ और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), यूलिप में निवेश, स्कूल फीस पर टैक्स का फायदा, जीवन बीमा प्रीमियम जैसे साधन भी हैं।  


दूसरी ओर, सेक्शन 24B के तहत होम लोन के ब्याज पेमेंट पर दी जाने वाली टैक्स सेविंग का कोई विकल्प नहीं है। उसका उपयोग तभी कर सकते हैं जब आप होम लोन पर ब्याज का पेमेंट कर रहे हों। इसलिए, वार्षिक ब्याज खर्च ( annual interest outgo) एक निर्णायक फैक्टर बन जाता है कि आप अपने होम लोन के माध्यम से कितना टैक्स बचा सकते हैं। अगर आप 30% इनकम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आप हर साल 60,000 रुपए बचा सकते हैं, बशर्ते आपका सालाना इंटरेस्ट आउटगो 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा है। आपके पास जितना कम ब्याज होगा, आपकी टैक्स बचत उतनी ही कम होगी।

अदा किए गए इंटरेस्ट को क्लेम करने के लिए डिडक्शन एक वित्त वर्ष में धारा 24 B की कुल सीमा के तहत 2 लाख रुपए तक है। किराए के मामले में अधिकतम ब्याज की कोई सीमा नहीं है जिसका दावा किया जा सकता है।  

यदि आप केवल टैक्स सेविंग को देखते हैं, तो आपको अधिक से अधिक टैक्स बचाने के लिए ज्यादा लोन को सबसे लंबी अवधि के लिए लेने की आवश्यकता पड़ती है। उदाहरण के लिए, यदि आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और यदि आप 7% वार्षिक ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन लेते हैं तो 15 वर्षों में आप कुल कर 5.54 लाख रुपए बचा सकते हैं। वहीं, अगर आपके पास 30 साल की अवधि के साथ 50 लाख रुपए का होम लोन है, तो इसी तरह की स्थिति में टैक्स सेविंग 13.93 लाख रुपए है।  

लंबी अवधि का मतलब यह भी होगा कि आपका कुल ब्याज खर्च बहुत अधिक होगा। 30 लाख रुपए के होम लोन पर कुल 18.53 लाख रुपए के ब्याज देने के बजाय आप 50 लाख रुपए के लोन पर कुल 52.59 लाख रुपए का ब्याज चुकाएंगे। परिणाम स्वरूप आपकी ब्याज की देनदारी, टैक्स सेविंग में वृद्धि की तुलना में बहुत अधिक बढ़ जाती है।  

होम लोन की मासिक किस्त में ब्याज का हिस्सा महीने दर महीने कम होता जाता है और मूलधन का रीपेमेंट लगातार बढ़ता जाता है। इसलिए, सालाना इंटरेस्ट पेमेंट शुरुआती वर्षों में अधिक रहता है और धीरे-धीरे कम होता जाता है। हालांकि, धारा 24B के तहत ब्याज पेमेंट के कारण आप अधिकतम टैक्स सेविंग 2 लाख रुपए तक सीमित कर सकते हैं। इसलिए, अगर आप सालाना 2 लाख रुपए से अधिक का ब्याज चुकाते हैं तो इससे आपको टैक्स बचाने में कोई मदद नहीं मिलती है।  

ज्यादा समय के लिए लिया गया ज्यादा अमाउंट का होम लोन बिना किसी टैक्स सेविंग के दोहरे नुकसान के साथ आता है। इंटरेस्ट को कम करने और ज्यादा टैक्स सेविंग में सामंजस्य बनाने के लिए आप अपने बकाया लोन को उस स्तर तक लाने के लिए आंशिक पूर्व भुगतान (partial prepayments) का उपयोग कर सकते हैं जहां सालाना ब्याज 2 लाख रुपए की वार्षिक सीमा के करीब होता है। यह सबसे अच्छा लेवल होता है जो आपको सर्वोत्तम ब्याज बचत पाने में मदद करेगा।  

अगर आपने अफोर्डेबल कैटेगरी के तहत घर खरीदा है तो सेक्शन 80 EEA के तहत 1.5 लाख रुपए का अतिरिक्त डिडक्शन मिलता है। इस अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ उठाने की समय-सीमा 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है। इसलिए, होम लोन से संबंधित सभी कटौतियां एक साथ मिला देने से आपको अधिकतम 5 लाख रुपए (सेक्शन 24 के तहत 2 लाख, सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख और सेक्शन 80 EEA के तहत 1.5 लाख रुपए) की मदद मिल सकती है, बशर्ते आप जरूरी शर्तों को पूरा करते हों। 

सिर्फ टैक्स बचाने के लिए बहुत से लोग लंबे समय के लिए लोन नहीं लेते हैं। केवल कुछ लोग ही टैक्स बचाने के लिए लंबी अवधि के लिए लोन ले पाते हैं। लोन का समय छोटा रखने से आपको इंटरेस्ट कॉस्ट कम रखने और अपने लोन का शीघ्र पेमेंट करने में मदद मिलेगी।  

हालांकि एक बार जब आपका सालाना इंटरेस्ट आउट्गो 2 लाख रुपए से कम हो जाता है, तो आपका टैक्स बचेगा। ऐसे में अगर आपको अपने घर को बड़ा बनाने की जरूरत है या दूसरे घर के लिए जाने की योजना है तो आप होम लोन पर दिए जाने वाले टैक्स सेविंग का फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप हमेशा कर्ज को निचले स्तर पर रखें। 


यदि दोनों पति-पत्नी ज्यादा इनकम टैक्स दे रहे हैं, तो वे ज्यादा रकम वाले लोन ले सकते हैं। होम लोन पर मूलधन और ब्याज डिडक्शन का अलग-अलग लाभ उठा सकते हैं। इससे धारा 80C (1.5 लाख रुपए और 1.5 लाख रुपए) के तहत कुल 3 लाख रुपए और धारा 24 B के तहत ब्याज पेमेंट के लिए 4 लाख रुपए (2 लाख प्लस 2 लाख) की कटौती मिल सकती है। इसका मतलब है कि 15 साल की छोटी अवधि के साथ 60 लाख रुपए का बड़ा होम लोन उन्हें ज्यादा टैक्स सेविंग और लोन के तेजी से रीपेमेंट की सुविधा दे सकता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *