जानिए Mi-17V5 हेलीकॉप्टर के बारे में, मोदी सहित सबका पसंदीदा हेलीकॉप्टर
मुंबई- Mi-17V5 को इंडियन एयरफोर्स का सबसे भरोसेमंद हेलिकॉप्टर माना जाता है। यह इंडियन एयरफोर्स के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह है। प्रधानमंत्री तक इसका इस्तेमाल करते रहे हैं। ऐसे में इसका क्रैश होना बहुत आश्चर्यजनक है। हालांकि हिल्स में पहले भी यह हादसे का शिकार बन चुका है।
Mi-17V5 रसियन मेड हेलिकॉप्टर है, जिसे पर्सनल, कार्गो और इक्विपमेंट्स को कैरी करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके बाहरी तरफ भी एक स्लिंग लगी होती है, जिसमें कार्गो कैरी कर सकते है। इसका प्राइमरी टास्क ग्राउंड पर टारगेट्स को खत्म करना और घायलों को बचाना है। हीट सीकिंग मिसाइल के खिलाफ इसमें सेल्फ डिफेंस सिस्टम होता है। यह अनगाइडेड रॉकेट्स, तोपें और छोटे हथियार कैरी कर सकता है।
यह एकदम एडवांस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जो किसी भी तरह की जियोग्राफिकल कंडीशन में ऑपरेट कर सकता है। एकदम विपरीत क्लाइमेट कंडीशन में भी यह भरोसेमंद है। दिन और रात में ऑपरेट हो सकता है। हाई एल्टीट्यूड और हॉट कंडीशंस में भी ऑपरेट हो सकता है। इसमें सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम होता है, जो टारगेट पर इसकी एक्युरेसी को बढ़ा देता है।
भारत ने इस हेलिकॉप्टर के लिए 2008 में रूस से एग्रीमेंट किया था, जो 2011-13 में पूरा हुआ। इंडियन एयरफोर्स की जरूरतों को देखते हुए 2012-13 में इसके लिए फिर कॉन्ट्रैक्ट हुआ। टेक्नोलॉजी के मामले में भी यह बहुत एडवांस चॉपर है।
यह वही MI-17 है जिसने कारगिल की जंग में पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ाए थे। दरअसल कारगिल के दौरान आपरेशन विजय मई 1999 में शुरू किया गया। इसके शुरुआती दो बड़े उद्देश्यों में टाइगर हिल्स और तोलोलिंग की चोटियों पर कब्जा करना शामिल था। इन दोनों इलाकों में पाकिस्तानी सेना सबसे ज्यादा तैनात थी और यह दोनों ही इलाके श्रीनगर हाईवे के सबसे करीब थे। पाकिस्तानी सेना का कारगिल की चोटियों पर कब्जा करने का मकसद था- श्रीनगर हाईवे पर कब्जा और सियाचिन ग्लेशियर को भारतीय सेना से काटकर उस पर कब्जा करना।