भारत बांड ईटीएफ ने दिया सबसे कम फायदा, एक साल में केवल 4.25% का रिटर्न
मुंबई- अगर आप ज्यादा ब्याज दर का इंतजार कर रहे हैं तो थोड़ा और समय रुकना होगा। ऐसे में अभी भारत बॉण्ड ETF में निवेश करने का फैसला आपका गलत साबित हो सकता है। हो सकता है कि आप ऊंचे ब्याज दर के एक अच्छे अवसर को गंवा दें। बैकों ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी शुरू भी कर दी है। HDFC बैंक ने गुरुवार को अपनी एफडी पर ब्याज बढ़ा दिया है।
वैसे भारत बांड ETF अपने प्रतिद्वंदी डेट फँडों की तुलना में सबसे कम रिटर्न दिया है। आंकड़े बताते हैं कि एक साल में भारत बांड ईटीएफ ने 4.25% का रिटर्न दिया है। जबकि इसी समय में एसबीआई मैग्नम मीडियम ड्यूरेशन ने 4.32 पर्सेंट, ICICI प्रूडेंशियल मीडियम टर्म बांड ने 5.76 पर्सेंट और HDFC मीडियम टर्म डेट ने 5.37 पर्सेंट का रिटर्न दिया है।
भारत बॉण्ड का तीसरा चरण 3 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा। इसमें ग्रीन शू ऑप्शन यानी ज्यादा पैसा आने पर ज्यादा जुटाया जाएगा। भारत बॉण्ड ETF एक डेट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है। इसके जरिए निवेशक सरकारी कंपनियों के बांड्स में निवेश कर सकते हैं। यह केंद्र सरकार के विनिवेश विभाग (दीपम) की पहल है। इसका प्रबंधन एडलवाइस म्यूचुअल फंड करता है।
इस ETF का यह तीसरा चरण होगा जो अप्रैल 2032 में मैच्योर होगा। भारत बॉण्ड ETF का पहला चरण 2020 में लॉन्च किया गया था। इसके जरिए 12,400 करोड़ रुपए जुटाया गया था। दूसरा चरण जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया। इसके जरिए 15 हजार करोड़ रुपए जुटाया गया था। इस समय चार भारत बॉण्ड ETF हैं जिनकी मैच्योरिटी अलग-अलग है। इसमें एक की मैच्योरिटी अप्रैल 2023 में, दूसरे की अप्रैल 2025 में, तीसरे की अप्रैल 2030 में और चौथे की अप्रैल 2031 में मैच्योरिटी है।
यह सभी ETF 36,359 करोड़ रुपए का प्रबंधन करते हैं। ऐसे प्रोडक्ट में अगर कोई निवेशक आज के कम ब्याज दर के माहौल में लंबे समय के लिए निवेश करता है और बाद में ब्याज दरें बढ़ती हैं तो उसे घाटा हो सकता है। जबकि इस समय पूरी दुनिया में ब्याज दरें अगले कुछ समय से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है और अगले साल से ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। ऐसे में आप अगर इस तरह के कम ब्याज दर के माहौल में डेट फंड में निवेश करते हैं तो यह आपके लिए एक गलत फैसला साबित हो सकता है।
कई सारे ब्रोकरेज हाउस और रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि दुनिया भर के सेंट्रल बैंक अब ब्याज दरों को ऊपर ले जाना चाहते हैं। ऐसे में यह उम्मीद है कि रिजर्व बैंक भी अगली मॉनिटरी पॉलिसी में अपनी दरों को बढ़ाने का फैसला कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो बैंक डिपॉजिट और एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आपको जनवरी या फिर मार्च तक इंतजार करना चाहिए, ताकि आपको निवेश पर ज्यादा ब्याज दर का लाभ मिल सके।
पिछले एक साल में देखें तो भारत बॉण्ड ETF में 1 लाख का निवेश 1.04 लाख रुपए हुआ है। यानी एक साल में आपको 4 पर्सेंट का फायदा हुआ है। जबकि इसी अवधि में अगर आप छोटे बैंकों की एफडी या कंपनियों की एफडी में निवेश किए होते तो आपको 7-9% का रिटर्न मिलता। यानी आपको भारत बॉण्ड में बैंकों और कॉर्पोरेट की तुलना में 50 पर्सेंट का घाटा हुआ है।
कुछ छोटे बैंक इस समय एफडी में 7 पर्सेंट तक का ब्याज दे रहे हैं। जबकि कंपनियां एफडी में 8 पर्सेंट से 9 पर्सेंट तक के ब्याज का ऑफर कर रही हैं। 26 दिसंबर 2019 को एडलवाइस ने ईटीएफ बांड लांच किया था। 31 अक्टूबर तक 4,201 करोड़ रुपए का असेट रहा। इस साल में जनवरी से अभी तक इसने 3.90 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। इसकी टॉप होल्डिंग में हुडको, पावर फाइनेंस, रुरल इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, पावर ग्रिड, न्यूक्लियर पावर कॉर्प, सिडबी और अन्य हैं।