इंडिगो ले सकती है चेक-इन लगेज पर चार्ज, अन्य कंपनियां भी शुरू कर सकती हैं
मुंबई- कोरोना महामारी का असर कम हो चुका है। हवाई यात्रियों की संख्या कोरोना के पहले के लेवल पर आ गई है। फ्लाइट के टिकट किराए की सीमा अब खत्म हो चुकी है। इसलिए अब एयरलाइंस कंपनियां कमाई का रास्ता नए सिरे से तलाश रही हैं। इंडिगो, अब चेक-इन लगेज के लिए यात्रियों से चार्ज लेने पर विचार कर रही है।
हालांकि कोरोना में भी इन कंपनियों ने कमाई का रास्ता बना लिया था। कोरोना के समय ऑन लाइन वेब चेक इन पर हर सीट के लिए 99 रुपए से 2 हजार रुपए तक चार्ज किए जा रहे थे। साथ ही अगर किसी ने एयरपोर्ट के काउंटर पर बोर्डिंग पास लिया तो उससे भी 100 रुपए लिए जा रहे थे। इंडिगो भारत के तगड़ी प्रतिस्पर्धा वाले हवाई यात्रा मार्केट में प्राइस वार के लिए खुद को तैयार कर रही है।
इंडिगो दरअसल फरवरी में किराए के साथ अलग से चार्ज लगाने की योजना बनाई थी। पर कोरोना की वजह से यह योजना सफल नहीं हुई। उस समय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा था कि अगर एयरलाइंस चाहें तो यात्रियों को जीरो लगेज के लिए कह सकते हैं और चेक-इन बैगेज पर कोई किराया लागू नहीं होगा। हालांकि अक्टूबर में DGCA ने एयरलाइंस को 100% ऑपरेशन की मंजूरी दे दी गई थी। इसके बाद दिल्ली और मुंबई जैसे एयरपोर्ट पर लंबी-लंबी लाइन की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और सोशल मीडिया पर इस समस्या को उठाया गया। अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स अभी भी इस महीने के अंत तक सस्पेंड हैं।
इंडिगो के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) रोनोजॉय दत्ता ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि कोविड से संबंधित किराए और क्षमता पर रेगुलेटर द्वारा लगाई गई बंदिशों ने इंडिगो को समय पर निर्णय लेने से रोक दिया था। उन्होंने कहा कि हम इसके लिए सरकार के साथ बात कर रहे हैं। हम अभी इंतजार कर रहे हैं कि कैसे इसे लागू किया जाए। जेट एयरवेज के बंद होने के बाद से बाजार में एअर इंडिया, स्पाइसजेट, गो एयर और इंडिगो ही मुख्य एयरलाइंस हैं। हालांकि विस्तार और एयर एशिया भी हैं, लेकिन उनका मार्केट शेयर काफी कम है।
इंडिगो वैसे अभी किसी तरह का फंड जुटाने का विचार नहीं कर रही है। इसने पहले संस्थागत निवेशकों से फंड जुटाने की योजना बनाई थी। इंडिगो CEO ने कहा कि हम अभी फंड के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि अब कोरोना की तीसरी लहर भी नहीं है और रेवेन्यू भी आ रहा है। भारत के लो बजट वाले एयरलाइंस सेक्टर में शेयर बाजार के बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला की अकासा भी जल्द ही उतरने की तैयारी में है। एअर इंडिया जनवरी से टाटा ग्रुप के पास चली जाएगी। ऐसे में अगले साल से एयरलाइंस सेक्टर में बहुत कुछ नया देखने को मिल सकता है। हो सकता है कि टिकट किराए की कमी भी हो जाए और इससे यात्रियों को फायदा हो जाए।