ICICI प्रूडेंशियल के मल्टी असेट फंड में 1 लाख का निवेश बना 41 लाख रुपए
मुंबई- मल्टी असेट फंड मूलरूप से आपके पैसों को कई सेक्टर और शेयर्स में निवेश करता है। जाने माने फंड मैनेजर संकरन नरेन का मानना है कि मल्टी असेट की रणनीति वर्तमान माहौल में बेहतर रिटर्न देने में सक्षम हो सकती है। मार्च 2020 के दौरान जब बाजार पूरी तरह से नीचे जा रहा था, तब एस. नरेन ने यही कहा था कि बाजार काफी नीचे जा सकता है। निवेशकों के लिए निवेश का अच्छा अवसर बन रहा है। यह सही भी हुआ और बाजार 40 हजार से टूटकर 26 हजार के करीब पहुंच गया।
अगर किसी निवेशक ने 31 अक्टूबर 2002 यानी इस फंड के स्थापना के समय 1 लाख रुपए का निवेश किया होगा तो वह रकम आज 41.46 लाख रुपए हो गई है। सालाना 21.65% चक्रवृद्धि (CAGR) की दर से रिटर्न मिला है। इसी समय में निफ्टी 50 में 18.21% CAGR की दर से रिटर्न मिला है। यानी एक लाख का निवेश केवल 24.05 लाख रुपए हुआ।
असेट अलोकेशन स्कीम लंबे समय में निवेश के लिहाज से अच्छा है। सिस्टैमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक बेहतर निवेश का तरीका है। अगर किसी ने इसी स्कीम में मासिक 10 हजार रुपए का SIP किया होगा तो यह रकम आज 1.60 करोड़ रुपए हो गई है। जबकि उसका निवेश केवल 22.9 लाख रुपए था। यानी महीने का 17.78% का CAGR रिटर्न रहा।
ICICI प्रूडेंशियल के मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) एस. नरेन कहते हैं कि ऐसे समय में जब बाजार अब ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, ऐसे में निवेशक अपने पोर्टफोलियो असेट अलोकेशन के बारे में सोचें। उनका मानना है कि इक्विटीज में ज्यादा फोकस करने की बजाय निवेशकों को अन्य असेट क्लास के बारे में सोचना चाहिए। इसमें डेट, गोल्ड और ग्लोबल फंड्स के साथ रियल इस्टेट भी हो सकता है।
एस. नरेन कहते हैं कि मल्टी असेट निवेशकों को यह सुविधा देती है कि वे उतार-चढ़ाव वाले माहौल में बेहतर रिटर्न कमा सकें। इसमें जोखिम भी कम होता है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में सबसे बड़े मल्टी असेट फंड्स में ICICI प्रूडेंशियल मल्टी असेट का नाम आता है इस स्कीम का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 12,405 करोड़ रुपए है। इस कैटेगरी का 65% सेज्यादा AUM इसके पास है।
इस स्कीम का प्रबंधन एस. नरेन करते हैं। यह स्कीम 10-80% निवेश इक्विटी में करती है। 10-35% का निवेश गोल्ड और ईटीएफ आदि में होता है। 0-10% का निवेश रियल इस्टेट ट्रस्ट या फिर इनविट्स में होता है। इस बारे में ICICI प्रूडेंशियल के MD & CEO निमेश शाह कहते हैं कि संपत्ति के निर्माण में यह स्कीम बहुत अच्छा काम करती है।
वे निवेशक, जो तमाम असेट क्लासेस में निवेश करना चाहते हैं, पर उन्हें नहीं पता है कि कैसे वे इसमें निवेश करें तो इसके लिए आसान रास्ता मल्टी असेट फंड का है। मल्टी असेट फंड कम से कम 3 या ज्यादा असेट क्लासेस में निवेश करता है। नरेन के अनुसार, जब एक असेट क्लास पूरी तरह से वैल्यूड होता है तो वह उतार-चढ़ाव के जैसा व्यवहार करता है। मल्टी असेट रणनीति आपको यह सुविधा देती है कि आप एक से दूसरे असेट क्लास में निवेश को स्विच कर सकें।
जहां तक असेट अलोकेशन की बात इक्विटीज में है तो यह स्कीम लार्ज, मिड और स्माल कैप में निवेश करती है। यह स्कीम कमोडिटीज में भी एक्सपोजर रखती है ताकि महंगाई की तुलना में इसका लाभ मिल सके। 1 अक्टूबर तक इस स्कीम का इक्विटीज में निवेश 70% रहा। पिछले कुछ महीने से वैल्यू थीम वाले पोर्टफोलियो पर इसका फोकस रहा है। आगे भी यह स्कीम वैल्यू थीम पर ही फोकस कर सकती है। इस पोर्टफोलियो के टॉप 4 सेक्टर्स में ऑटो, पावर, टेलीकॉम और मेटल्स हैं।

