इन कारणों से आपका मोटर बीमा क्लेम खारिज किया जा सकता है

मुंबई- हाल ही में, एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में बाइक चलाने वाले की जान चली गई। बीमा कंपनी ने उसके दावे को खारिज कर दिया। क्योंकि वह 346 सीसी की बाइक थी। जाहिर है, पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार, अगर बाइक की क्षमता 150 सीसी से अधिक थी, तो कंपनी पेमेंट करने के लिए उत्तरदायी नहीं थी।  

हालांकि यह मिस सेलिंग का मामला हो सकता है, क्योंकि कंपनी ने पॉलिसी के बारे में ग्राहक को पूरी तरह से जानकारी नहीं दी थी। हम यहाँ ऐसे कई अन्य वजहों को बता रहे हैं जिनसे दावों को रिजेक्ट किया जा सकता है।

आमतौर पर कार और दोपहिया वाहन मालिक पॉलिसी के पूरे दस्तावेज ठीक से नहीं पढ़ते हैं। इसके फाइन प्रिंट से अनजान होते हैं। बीमा कंपनी की पॉलिसी से वे अंजान होते हैं। बीमा कंपनी द्वारा आपके दावे को रिजेक्ट करने या पूरी तरह से पेमेंट न करने के कुछ कारण यहां दिए जा रहे हैं।

पॉलिसी और ऐड-ऑन कवर के बारे में जानकारी की कमी: क्लेम को रिजेक्ट किए जाने और लोगों की शिकायत का एक सामान्य कारण यह होता है कि कुछ खास चीजें डैमेज पॉलिसी के तहत कवर नहीं होती हैं। इनके लिए अलग से ऐड-ऑन कवर खरीदने की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, इंजन खराब होने या डेप्रिसिएशन लॉस को बेसिक पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है। इसके लिए आपको अलग इंजन प्रोटेक्टर और जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवर की जरूरत होती है।

मरम्मत के लिए भेजी गई कार: एक सामान्य गलती यह की जाती है कि गाड़ी की मरम्मत खुद करवाई जाती है। फिर बीमा कंपनी को जानकारी दी जाती है। यह एक गलती है क्योंकि कंपनी के लिए किसी दुर्घटना को ट्रैक करना और फिर मरम्मत करना मुश्किल हो जाता है। इससे नुकसान का आंकलन करना और दावे को मंजूरी देना और भी मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि इस सूरत में आपको बीमा कंपनी से संपर्क करना चाहिए, ताकि वह न केवल नुकसान का आंकलन करे बल्कि सड़क के किनारे सहायता (roadside assistance) भी प्रदान करे और कार को अपने गैरेज में ले जाए।

गाड़ी का कमर्शियल उपयोग- यदि आपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए कार खरीदी है, लेकिन कमर्शियल उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है, तो दुर्घटना की स्थिति में क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

सही जानकारी छुपाना या गलत जानकारी देना: यदि पॉलिसी खरीदने के समय गलत खुलासे या अन्य फिजिकल तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया है, जैसे कि नो-क्लेम बोनस या पूर्व में हुए डैमेज को गलत बताया जाता है तो दावा खारिज होना तय है। इसी तरह, यदि कोई दावा दायर करते समय दुर्घटना या नुकसान के बारे में गलत जानकारी प्रदान करता है, तो इसे रिजेक्ट किया जा सकता है।

ट्रांसफर में गलती: इसका मतलब है कि वाहन मालिक अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन और बीमा का ट्रांसफर करने में विफल रहा है। ऐसे मामले में बीमा के क्लेम पर विचार नहीं किया जाएगा।

गाड़ियों में अतिरिक्त काम: यदि आप अपनी कार में सीएनजी किट लगाते हैं, एक्सेसरीज़ जोड़ते हैं या गाड़ी के बॉडी में बदलाव करते हैं, तो आपको तुरंत बीमा कंपनी को जानकारी देनी होगी। अन्यथा दुर्घटना के मामले में आपका क्लेम स्वीकार नहीं होगा।

पॉलिसी गाइडलाइंस:  यदि आप अपनी पॉलिसी में क्लॉज़ के लिमिटेशन्स का पालन नहीं करते हैं, तो क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसलिए, यदि आप निर्दिष्ट भौगोलिक सीमाओं ( specified geographical limits) के दायरे में गाड़ी नहीं चला रहे हैं या यदि गाड़ी में पॉलिसी में स्पेसिफिकेशन लिस्टेड नहीं हैं, जैसे किसी विशेष इंजन की क्षमता, तो क्लेम से इनकार किए जाने की संभावना होती है।

ड्राइविंग लाइसेंस नहीं: यदि दुर्घटना के समय गाड़ी चलाने वाला व्यक्ति अपना लाइसेंस नहीं रखता है, तो क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, उसके पास एक वैध लाइसेंस होना चाहिए जो समाप्त नहीं हुआ हो। जिस प्रकार की गाड़ी के लिए लाइसेंस जारी किया गया, ठीक वैसा ही होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि उसके पास केवल दोपहिया वाहन चलाने का लाइसेंस है, लेकिन कार चलाते समय दुर्घटना हो जाती है, तो क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

नशे में गाड़ी चलाना: क्लेम रिजेक्ट करने का एक और स्पष्ट कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना है। चूंकि भारत में शराब के नशे में गाड़ी चलाना गैरकानूनी है, इसलिए शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुई दुर्घटना से होने वाले किसी भी दावे को खारिज कर दिया जाएगा।

सूचना (intimation) में देरी: यदि आप दुर्घटना के बारे में बीमा कंपनी को जानकारी नहीं देते हैं, तो काफी संभावना है कि आपका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसके लिए आपको आम तौर पर 24-48 घंटे के भीतर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इस समय के भीतर दुर्घटना के बारे में बीमा कंपनी को सूचित करें।

पॉलिसी के रिन्यूअल में देरी: यदि आप पॉलिसी को रिन्यू या नवीनीकरण करना भूल जाते हैं और इस समय के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो बीमा कंपनी द्वारा दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।

क्या कवर नहीं होता: एक बुनियादी बीमा पॉलिसी केवल बॉडी और इंजन को होने वाले आकस्मिक नुकसान को कवर करती है। हम आपको बता रहे हैं कि कौन कौन सी चीजें आमतौर पर कवर नहीं होती हैं।

मूल्यह्रास (depreciation) के कारण होने वाला नुकसान:  मानसून के दौरान हाइड्रोस्टेटिक नुकसान के कारण इंजन का नुकसान होना आम बात है। यहां नुकसान बाढ़ या बारिश के कारण नहीं होता है, बल्कि इसलिए होता है क्योंकि किसी ने पानी से भरे इलाके में कार को चला दिया था। जाहिर है यह बीमा कंपनी द्वारा कवर नहीं किया जाएगा। आजकल कारों में तकनीकी रूप से एडवांस चाबियां और बिना चाबी के लॉकिंग सिस्टम आते हैं, जिन्हें बदलना महंगा हो सकता है। इसे तभी कवर किया जाएगा जब आपके पास इसके लिए ऐड-ऑन कवर होगा।

मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल ब्रेकडाउन: मोटर बीमा पॉलिसियां किसी भी मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल समस्या को कवर नहीं करती हैं। इंजन ऑयल या लुब्रिकेंट जैसी चीजें मूल पॉलिसी में शामिल नहीं होती हैं और न ही कोई प्लास्टिक के कल पुर्जे या टायर शामिल होते हैं।सामान्य उपयोग के दौरान वाहन को हुए किसी भी नुकसान, जैसे कि घिसे हुए टायर या ट्यूब, को कवर नहीं किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *