केयर्न एनर्जी भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा वापस लेगी

मुंबई- केयर्न एनर्जी अमेरिका से लेकर फ्रांस, जैसे कई देशों में भारत सरकार की संपत्तियों को जब्त करने के लिए विदेशी अदालतों में जो मुकदमे किए हुए हैं, उन सबको वापस लेने को तैयार है। कंपनी ने कहा है कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स रद्द किए जाने के बाद उसे जो एक अरब डॉलर का रिफंड मिलना है, वह हाथ आते ही एक-दो दिन के भीतर सभी मुकदमे वापस ले लेगी। 

केयर्न ने 10,247 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की मांग को इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। पिछले साल दिसंबर में ट्रिब्यूनल ने टैक्स की डिमांड को खारिज कर दिया था। ट्रिब्यूनल ने सरकार को कंपनी से वसूली गई रकम लौटाने के लिए कहा था। सरकार के मना करने पर कंपनी ने वसूली के लिए विदेश में उसकी संपत्तियों को जब्त करने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की। 

केयर्न ने 1.26 अरब डॉलर का आर्बिट्रेशन अवॉर्ड भारत सरकार के मालिकाना हक वाली एयर इंडिया से दिलाने के लिए मई में अमेरिकी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। भारत सरकार ने इस पर 13 अगस्त को अमेरिकी अदालत से कहा कि केयर्न एनर्जी और भारतीय कर विभाग का विवाद उसके न्यायक्षेत्र में नहीं आता, इसलिए कंपनी की अपील को खारिज किया जाए। 

भारत सरकार ने उस रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स रूल को खारिज करने के लिए 7 अगस्त को संसद में प्रस्ताव पेश किया था, जिसके तहत 50 साल तक पुराने मामलों में कैपिटल गेंस टैक्स मांगा जा सकता था। कर विभाग उन मामलों में यह टैक्स लगा सकता था, जिसमें भारत में मौजूद एसेट की ओनरशिप विदेश में हुई डील के जरिए किसी दूसरे के हाथ में जाती। सरकार ने इस रूल के तहत 17 कंपनियों से कुल 1.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें केयर्न के 10,247 करोड़ रुपए भी शामिल थे।  

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