ईपीएफ से पैसा निकालने पर बिना पैन कार्ड के अब 20 फीसदी लगेगा टीडीएस 

मुंबई- अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से पैसा निकालते हैं तो राहत की बात है। अगर आप बिना पैन कार्ड के ईपीएफ से रकम निकालते हैं तो अब इस पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा, जो पहले 30 फीसदी हुआ करता था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट में इसका एलान किया। कर्मचारियों की भविष्य निधि से निकासी पर काटे गए कर में यह कमी उन वेतनभोगियों की मदद करने वाली है, जिनका पैन ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किया गया है। 

मौजूदा आयकर कानूनों के अनुसार, खाता खोलने के 5 साल के भीतर ईपीएफ निकासी पर टीडीएस काटा जाता है। यदि ईपीएफओ के पास पैन उपलब्ध है, तो निकासी राशि 50,000 रुपये से अधिक होने पर 10 फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाता है। हालांकि, इसके रिफंड का दावा आप कर सकते हैं। 

बजट 2023 के अनुसार, कम वेतन पाने वाले कई कर्मचारियों के पास पैन नहीं है और इस तरह धारा 192ए के तहत उनके मामलों में अधिकतम दर पर टीडीएस काटा जा रहा है। पैन देने में विफल होने की स्थिति में 10 फीसदी कम कर काटा जाएगा। एक ईपीएफ खाताधारक ईपीएफओ को फॉर्म 15एच या फॉर्म 15जी जमा कर सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ईपीएफ खाते से निकासी पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है। फॉर्म 15जी 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है और फॉर्म 15एच 60 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए है। 

5 साल की अवधि पूरी होने से पहले अगर ईपीएफ से 50 हजार रुपये से कम निकासी होती है तो टीडीएस नहीं कटता है। लेकिन अगर 5 साल की अवधि पूरी होने से पहले 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम निकाली जाती है तो टीडीएस कटेगा। अगर कोई नौकरी बदलता है और पुराने ईपीएफ को जारी रखता है, तब भी निकासी पर टीडीएस नहीं कटता है, बशर्ते 5 साल और 50000 रुपये वाली शर्त पूरी हो रही हो। 

बिना दावे वाले शेयरों और लाभांश को पाने के लिए बनेगा आईटी पोर्टल 

बिना दावा वाले शेयरों और बिना भुगतान वाले लाभांश को आप फिर से ले सकते हैं। इसके लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा। सीए केपी सिंह कहते हैं कि सरकार के जरिए उठाया गया यह कदम लोगों को फायदा पहुंचाएगा और दावा की प्रक्रिया आसान होगी। अंतिम लाभांश की घोषणा वित्त वर्ष के अंत में की जाती है। 

आयकर रिटर्न भरने वालों के लिए भी बजट में घोषणा हुई है। कॉमन आईटीआर फॉर्म जल्द ही उपलब्ध होगा। इसके अलावा, आईटी शिकायत निवारण तंत्र को बढ़ाने के लिए भी सरकार योजना बना रही है। ज्यादातर आईटीआर की 24 घंटे में प्रक्रिया पूरी हो जाती है। लेकिन नए फॉर्म से और जल्दी यह काम होगा। 

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